समाजवादी पार्टी के एमएलसी लाल बिहारी यादव के यूपी विधान परिषद में विपक्ष के नेता होने की संभावना है क्योंकि उनकी पार्टी ने इस संबंध में उच्च सदन के अध्यक्ष को एक प्रस्ताव भेजा है।
अब तक विपक्ष के नेता रहे समाजवादी पार्टी के एमएलसी संजय लाठेर का कार्यकाल गुरुवार को समाप्त हो गया। विधान परिषद में तत्कालीन विपक्ष के नेता एमएलसी अहमद हसन के निधन के बाद सपा ने लाठेर को यह जिम्मेदारी सौंपी थी।
गुरुवार को वाराणसी प्रखंड शिक्षक क्षेत्र से एमएलसी लाल बिहारी यादव के लिए सिफारिश करने का प्रस्ताव सपा की ओर से विधान परिषद अध्यक्ष के पास भेजा गया।
आजमगढ़ निवासी लाल बिहारी यादव 2020 में एमएलसी चुने गए और उनका कार्यकाल 2026 में समाप्त हो जाएगा। वे उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (वित्तविहीन समूह) द्वारा स्थापित लाल बिहारी इंटर कॉलेज के प्राचार्य थे।
यादव ने बलिया से मथुरा तक 49 दिनों में 1200 किलोमीटर की शिक्षक संदेश पदयात्रा निकली थी। साथ ही, आगामी आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव भी उन्हें विधान परिषद में विपक्ष का नेता बनाने का कारण माना जा रहा है क्योंकि सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को उस सीट से पार्टी द्वारा मैदान में उतारा जाना तय है।
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