बंगाल सरकार के लिए एक और न्यायिक झटका - कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति में अनियमितताओं की सीबीआई जांच का आदेश दिया है। यह कहते हुए कि यह "बेहद आश्चर्यजनक" था कि कुछ उम्मीदवारों को उनके नाम मेरिट सूची में नहीं होने के बावजूद नियुक्ति दी गई थी, न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा कि प्रथम दृष्टया उनका विचार था कि इस तरह की अनियमितताएं किसी की मिलीभगत के बिना नहीं हो सकती थीं।
याचिकाकर्ता 2016 में परीक्षण के लिए उपस्थित हुई थी, लेकिन 2021 में अनियमितताओं के बारे में पता चला था। अदालत ने केंद्रीय जांच एजेंसी को सुनवाई की अगली तारीख 28 मार्च को प्रारंभिक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।
याचिकाकर्ता ने अदालत का ध्यान इस तथ्य की ओर डाला कि कुछ नियुक्तियां 2016 में प्रकाशित चयनित उम्मीदवारों के पैनल या उस मामले की प्रतीक्षा सूची से नहीं थीं।
न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने हालांकि स्पष्ट किया कि ऐसा नहीं है कि अदालत को राज्य पुलिस पर कोई भरोसा नहीं था, लेकिन स्पष्ट कारणों से मामला सीबीआई को जांच के लिए दिया जा रहा था। न्यायाधीश ने कहा कि "इस गंदे खेल के मास्टरमाइंड" को जानने की जरूरत है, इसलिए सीबीआई जांच का आदेश दिया जा रहा है।
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