वर्ल्ड चैंपियनशिप के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट भारत के लक्ष्य सेन रविवार को ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में इतिहास रचने से चूक गए। लक्ष्य को मेंस सिंगल वर्ग के फाइनल में वर्ल्ड नंबर-1 डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसन के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। टॉप सीड एक्सेलसन ने युवा भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य को 21-10, 21-15 से मात दी। लक्ष्य ने 53 मिनट में यह खिताबी मुकाबला गंवाया। इस हार के साथ ही लक्ष्य सेन 1980 में महान प्रकाश पादुकोण और 2001 में पुलेला गोपीचंद के बाद तीसरे भारतीय चैंपियन बनने से चूक गए। इस जीत के साथ एक्सेलसन ने लक्ष्य के खिलाफ अब अपना करियर रिकॉर्ड 5-1 का कर लिया है।
लक्ष्य सेन फाइनल मुकाबले में विक्टर एक्सेलसन के खिलाफ शुरुआत में 0-6 से पीछे थे। इसके बाद भी एक्सेलसन ने अपनी लीड कायम रखते हुए स्कोर को 11-2 तक पहुंचा दिया। एक्सेलन ने इसके बाद 22 मिनट में 21-10 से एकतरफा अंदाज में पहला गेम अपने नाम कर लिया।
दूसरे गेम में भी लक्ष्य शुरुआत में 4-7 से पीछे थे। इसके बाद भी वह विक्टर के अनुभव के आगे टिक नहीं सके और मुकाबले में लगातार पीछे होते चले गए। एक्सेलसन ने आगे भी 17-10 की शानदार बढ़त बना ली। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार प्वाइंट्स लेते हुए 21-15 से लगातार दूसरा गेम जीतकर खिताब पर कब्जा जमा लिया।
विश्व रैंकिंग में 11वें नंबर के खिलाड़ी लक्ष्य ने इससे पहले, रोमांचक सेमीफाइनल में शनिवार को मलेशिया के जी जिया ली को तीन गेमों के संघर्ष में 21-13, 12-21, 21-19 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया था। वह 21 साल बाद फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी बने थे। लक्ष्य 1980 में महान प्रकाश पादुकोण और 2001 में पुलेला गोपीचंद के चैंपियन बनने के बाद फाइनल में पहुंचने वाले तीसरे भारतीय पुरुष खिलाड़ी बने थे।
20 साल के लक्ष्य का फाइनल में नंबर वन सीड डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसन के खिलाफ भिड़ने से पहले 1-4 का रिकॉर्ड था। लक्ष्य पिछले छह महीने से शानदार लय में चल रहे है। उन्होंने इस साल जनवरी में इंडिया ओपन के रूप में अपना पहला सुपर 500 टूर्नामेंट जीता था और फिर पिछले सप्ताह जर्मन ओपन के उपविजेता रहे थे।
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