सीबीआई ने लोकसभा सदस्य कार्ति चिदंबरम से 2011 में 263 चीनी कामगारों को वीजा जारी करने में कथित तौर पर 50 लाख रुपये की रिश्वत के मामले में लगातार तीसरे दिन पूछताछ की।
अधिकारियों ने बताया कि सुबह सीबीआई मुख्यालय पहुंचे कांग्रेस सांसद से शाम तक पूछताछ की गई। शुक्रवार को उनका आमना-सामना 11 साल के रिश्वत घोटाले से जुड़े दस्तावेजों से हुआ।
सीबीआई ने 14 मई को कार्ति और अन्य के खिलाफ उनके करीबी सहयोगी और वेदांता समूह की कंपनी तलवंडी साबो पावर लिमिटेड के एक शीर्ष कार्यकारी चार्टर्ड एकाउंटेंट एस भास्कररमन के माध्यम से उन्हें 50 लाख रुपये की रिश्वत देने के आरोपों पर एक नई प्राथमिकी दर्ज की थी। एजेंसी इस मामले में भास्कररमन को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
सीबीआई की प्राथमिकी में कहा गया है कि बिजली परियोजना की स्थापना का काम एक चीनी कंपनी द्वारा किया जा रहा था।
सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार, टीएसपीएल के एक कार्यकारी ने 263 चीनी कामगारों के लिए परियोजना वीजा फिर से जारी करने की मांग की थी, जिसके लिए कथित तौर पर 50 लाख रुपये का आदान-प्रदान किया गया था।
प्राथमिकी में यह भी आरोप लगाया गया है कि रिश्वत का भुगतान टीएसपीएल से कार्ति और भास्कररमन को मुंबई स्थित बेल टूल्स लिमिटेड के माध्यम से किया गया था।
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