केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी और तमिलनाडु के बीच सदियों पुराने ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंध को पुनर्जीवित किया है। वह वाराणसी में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में काशी तमिल संगम में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के मौके पर बोल रहे थे।
ठाकुर ने काशी तमिल संगम की पहल के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। कहा कि प्रधानमंत्री की पहल पर तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों से 2500 लोग काशी आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस आयोजन में खेल-कूद को जोड़कर उन्होंने युवाओं में उत्साह पैदा किया है। “यह 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' के लिए खेलों के महत्व को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि मैच हारना या जीतना मायने नहीं रखता, इस दोस्ताना मैच से एक दूसरे को जानने में मदद मिलेगी. यहां तक कि अगर कोई भाषा नहीं जानता है, तो वह संवाद कर सकता है और एक-दूसरे को जान सकता है।"
ठाकुर ने अमृत काल के दौरान पीएम के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला कि लोगों को न केवल अधिकार मांगना चाहिए बल्कि जिम्मेदारी भी लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में वाराणसी में जिस स्तर का विकास कार्य हुआ है, वैसा पहले कभी नहीं देखा गया। यह विकास न केवल वाराणसी बल्कि पूरे भारत में है। काशी तमिल संगमम के बारे में पहले किसी ने नहीं सोचा था।
उन्होंने कहा कि यह तो अभी शुरुआत है। काशी आए 2500 लोग अब 25000 पर्यटकों को काशी वापस लाएंगे। उन्होंने विभिन्न मंत्रालयों के प्रयासों की सराहना की जिन्होंने इस संगम को संभव बनाने के लिए मिलकर काम किया। उन्होंने तमिलनाडु की कला, संस्कृति और साहित्य को लोकप्रिय बनाने का आग्रह किया।
ठाकुर ने उत्तर प्रदेश के लोगों से तमिलनाडु में शिवकाशी जैसी जगहों पर जाने का आग्रह किया, जो काशी से जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि काशी का तमिलनाडु के कई शहरों से पुराना संबंध है। उन्होंने कहा कि इसे प्रधानमंत्री ने साकार किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सोमनाथ, केदारनाथ और अयोध्या के मंदिरों को भव्य और दिव्य बनाया है। ठाकुर ने वाराणसी में आयोजित मैत्री क्रिकेट मैच के खिलाड़ियों को सम्मानित किया। इस अवसर पर सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ एल मुरुगन भी उपस्थित थे।
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