मध्य प्रदेश सरकार ने 20 सितंबर से प्रदेश में स्कूल को खोलने का फैसला किया है। कोरोना की वजह से लगभग 18 महीने से स्कूल बंद रही। लेकिन अब सरकार ने फैसला लिया है कि प्रदेश की सभी निजी और सरकारी स्कूल, कक्षा पहली से शुरू की जाएंगी।
पहले सरकार ने अगस्त महीने में केवल नवमी से 12वीं तक की कक्षाओं को खोलने के आदेश जारी किए थे फिर 6 सितंबर में छठवीं से आठवीं और अब सरकार ने पहली से पांचवी तक की भी कक्षाएं खुलने के आदेश जारी किए हैं।
स्कूल खुलने के साथ कुछ नियम भी बनाए गए हैं जिन्हें मानना जरूरी है जैसे :- बच्चों को बिना मास्क बस या वैन में एंट्री नहीं होगी बसों को सोडियम हाइपोक्लोराइट से रोज सेनेटाइज किया जाएगा। मेन गेट में बच्चों को डेढ़ मीटर की दूरी पर खड़े करके थर्मल स्क्रीनिंग करने के बाद ही एंट्री कराई जाएगी। असेंबली नहीं होगी और लंच टाइम में बच्चों को एकत्रित नहीं होने दिया जाएगा। हर बच्चे को 2 गज की दूरी पर बैठाया जाएगा, कक्षा और पूरे स्कूल को रोज सेनेटाइज़ किया जाएगा। बच्चों को सर्दी जुकाम बुखार होने पर प्रबंधन सबसे पहले बच्चों के परिजन को सूचना देगा।
स्कूल खुलने की खबर से प्राइवेट स्कूल के शिक्षकों को काफी राहत मिली है। कोरोनाकाल में उनके वेतन में से 20 से 50% की कटौती होती थी। लेकिन अब शिक्षकों को उम्मीद है कि स्कूल खुलने के बाद उनके वेतन में जो कटौती की जा रही थी वह भी बंद हो जाएगी। और जहां रही सरकारी स्कूल के शिक्षकों की बात तो उन्हें घर बैठे आराम से वेतन हर माह मिल ही रहा था।
स्कूल खुलने की जानकारी मध्य प्रदेश के स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर दी। जिसमे लिखा - "कोविड-19 के कारण प्रभावित हुई पढ़ाई को पटरी पर लाने के लिए शासन ने अभी स्कूल को खोलने का निर्णय लिया है प्रदेश में 20 सितंबर से शालाओं को पुनः आरंभ किया जा रहा है। विद्यार्थियों के साथ ही सभी शिक्षक भी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन अवश्य करें, जिससे पढ़ाई सुचारू रूप से चलती रहे।"
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