उत्तर प्रदेश में ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर सर्वे के बाद भोपाल की जामा मस्जिद के पुरातत्व सर्वेक्षण की मांग उठने पर शहर काजी सहित सेक्शन दारुल काजा और दारुल इफ्जा सामने आए हैं। इन लोगों ने दावा किया है कि जामा मस्जिद कदीमी मस्जिद है और इसके सभी दस्तावेज मौजूद हैं। संस्कृति बचाओ मंच के चंद्रशेखर तिवारी के द्वारा बुधवार को यह दावा किया गया था कि भोपाल की जामा मस्जिद एक मंदिर के ऊपर बनी है। उन्होंने गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से मुलाकात कर इसके पुरातत्व सर्वेक्षण की मांग उठाई थी और कहा था कि वे इसके लिए अदालत में भी जाएंगे।
मगर इसके बाद गुरुवार को सेक्शन दारुल काजा और दारुल इफ्ता सामने आया है। इसके बैनरतले शहर काजी सैदय मुश्ताक अली नदवी, मुफ्ती शहर मोहम्मद अबुल कलाम कासमी, नायब काजी शहर सैयद बाबर हुसैन नदवी, रईस अहमद खां कासमी, जसीम दाद खां जामई, मोहम्मद शराफज रहमानी और अली कदर हुसैनी ने संयुक्त बयान जारी किया है।
शहर काजी, मुफ्ती शहर और नायब काजियों के संयुक्त बयान में यह कहा गया है कि जामा मस्जिद को लेकर सोशल मीडिया पर गलत खबरें और अफवाहें चल रही हैं। जामा मस्जिद को उन्होंने कदीमी मस्जिद बताया और कहा कि इसके सभी दस्तावेज मौजूद हैं। ये दस्तावेज जामा मस्जिद के सेक्रेटरी के पास हैं जिन्हें देखा जा सकता है।
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