इमरान खान ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र के मंच पर भारत के कश्मीर का राग गाया है। इमरान खान ने कहा दक्षिण एशिया में स्थायी शांति जम्मू कश्मीर के विवाद के समाधान पर निर्भर है।
इमरान के इस प्रोपगैंडा का भारत की एक जूनियर ऑफिसर ने मुँहतोड़ जवाब दिया। संयुक्त राष्ट्र में भारत की डिप्लोमेट स्नेहा दुबे ने जिस तरह से पाकिस्तान को तीखा जवाब दिया है वह काबिले तारीफ़ है। और जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर आ रहा है, जिसकी हर कोई तारीफ कर रहा और उनके लिए नारी शक्ति हैशटैग ट्रेंड हो रहा है।
स्नेहा दुबे 2012 बैच की आईएफएस ऑफिसर हैं। स्नेहा ने इमरान को जवाब देते हुए कहा की- "पूरा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग रहे हैं और रहेंगे। इनमें पाकिस्तान वाले कब्जे भी शामिल है, जिन्हें पाकिस्तान को तुरंत छोड़ देना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र के सदस्य सभी देश जानते हैं कि पाकिस्तान का इतिहास आतंकवादियों को पालने और उनकी मदद करने का रहा है, यह उनकी नीति में शामिल है। यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र के मंच का इस्तेमाल भारत के खिलाफ झूठ फैलाने और दुनिया का ध्यान अपने ऊपर से हटाने के लिए कर रहा है। जबकि पाकिस्तान में आतंकी खुलेआम घूमते हैं। ओसामा बिन लादेन को भी पाकिस्तान ने शरण दी थी, यहां तक कि पाकिस्तानी हुकूमत आज भी लादेन को शहीद कहती है।" इसके अलावा स्नेहा दुबे ने कहा कि - " पाकिस्तान के लिए बहुलवाद को समझना बहुत कठिन है। पाकिस्तान आतंकवादियों को पालता-पोषता है और उम्मीद करता है कि वह सिर्फ पड़ोसियों को नुकसान पहुंचाएंगे। पाकिस्तान का रिकॉर्ड रहा है कि उसने संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकियों की सबसे ज्यादा मेजवानी की है। हमारा क्षेत्र ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया पाकिस्तान की नीतियों से पीड़ित है। दूसरी तरफ पाकिस्तान अपनी सांप्रदायिक हिंसा को आतंकवाद की आड़ में छिपाने की कोशिश करता है।"
स्नेहा दुबे ने संक्षिप्त रूप में पाकिस्तान को बड़ा ही शानदार जवाब दिया। जिससे शायद इमरान खान को अब लग रहा होगा कि उन्होंने ऐसा क्यों किया है। यह प्रोटोकॉल है कि यूएनसीए में जो डिबेट होती है वह साधारणतया सेल्फ कॉन्फिडेंट देश एक दूसरे को इस तरह बुरा भला नहीं कहते क्योंकि वह एक मंच है जहां सब लोगों को जोड़ा जाता है उन्हें तोड़ा नहीं जाता लेकिन पाकिस्तान इस बात के लिए नासमझ है।
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