दिल्ली के ग्रेटर नोएडा से एक मार पीट की खबर सामने आ रही है, जहाँ एक पति पत्नी स्कूटर में बैठे एक दिव्यांग व्यक्ति को मार रहें हैं। इसको देख कर लोगों ने पति पत्नी के प्रति बहुत ही नाराज़गी जताई और इसकी बहुत ही निंदा कर रहें है। हमारे पुरखों की माने तो, युद्ध के वक्त भी एक सेना दूसरे सेना पर तब ही हमला करता था, जब दोनो पक्ष के पास हथियार हो, निहत्थे को मरना हमारे संस्कारों में ही नहीं है।
बात दरअसल ऐसी है कि, ग्रेटर नोएडा में रहने वाले पति पत्नी ने अपने रिश्तेदार को एक स्कूल भाड़े में दे रखा था जो कि एक दिव्यांग है, मगर जैसा की हम सब जानते है कि, कोरोना के समय में सभी लोगों का घर, काम कारोबार सब तहस नहस हो गया। ठीक इसी वजह से ही दिव्यांग पुरुष ने टाइम से स्कूल का भाड़ा नहीं दिया, जिसके वजह से दोनों गुटों में लड़ाई होने लगी, जिसके बाद पति पत्नी ने मिल कर उस दिव्यांग पर हमला कर दिया। दोनो के हाथ में ही डंडे थे, जिससे उन दोनो ने दिव्यांग के स्कूटर पर हमला करना शुरु कर दीया।
इस घटना के बाद पुलिस ने मामले को दर्ज कर लिया है, तथा दोनो पति पत्नी को एक दिव्यांग व्यक्ति पर हमला करने के जुर्म में केस भी लिख लिया है। हालाकि हमले के दौरान दिव्यांग व्यक्ति को कुछ भी नुकसान पहुँचते दिखाई नही दे रहा है। मगर अगर पुलिस को यह बात पता नही चलती और पुलिस केस दर्ज नहीं करते तो शायद पति पत्नी मिलकर दूसरी बार दिव्यांग पर हमला जरूर करते।
वीडियो देखने वाले लोग दोनो पति पत्नि की बहुत ही निंदा कर रहें है, तथा दिव्यांग व्यक्ति की तरफ सहानुभूति दिखाते हुए उसे अच्छे से रहने को बोल रहें है। हालांकि देखा जाए तो अपने हक के पैसा मांगना खराब नहीं है, मगर किसी निहत्थे पर ऐसे वार करना भी बहुत गलत बात है।
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