तेजस्वी यादव से पहले सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते हुए जमीन के बदले नौकरी घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच में पूछताछ की थी।
रिपोर्ट के अनुसार, बिहार के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता पार्टी के नेता तेजस्वी यादव मंगलवार को दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश हुए, जो कि रेलवे भूमि-नौकरी मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए पेश हुए।
राजद नेता से पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पूछताछ की थी, जबकि उनकी बहन मीसा भारती से ईडी ने मार्च में भ्रष्टाचार और नौकरी के लिए जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग की जांच में पूछताछ की थी, जो कथित तौर पर उनके पिता लालू प्रसाद के समय हुआ था। यादव 2004-09 से केंद्रीय रेल मंत्री थे।
ईडी ने दावा किया था कि उसे दिल्ली में न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में 150 करोड़ रुपये के बंगले सहित नौकरी के लिए भूमि मामले में 600 करोड़ रुपये के अपराध की कार्यवाही मिली है।
सीबीआई ने यादव से उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन और संपत्तियों के कथित हस्तांतरण को लेकर पूछताछ की थी। राजद नेता ने पिछले महीने उन्हें जारी किए गए तीन सम्मनों को छोड़ दिया था।
यह मामला भर्ती के लिए भारतीय रेलवे के मानदंडों और प्रक्रियाओं के उल्लंघन में 2004-09 से मध्य रेलवे में ग्रुप डी की नौकरियों में स्थानापन्न की कथित नियुक्तियों से संबंधित है। उम्मीदवारों ने सीधे या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से लालू के परिवार को प्रचलित बाजार दरों के एक-चौथाई से एक-पांचवें तक की रियायती दरों पर कथित रूप से जमीन बेची।
सीबीआई ने इस मामले में अपना पहला आरोप पत्र अक्टूबर में दायर किया, जिसमें लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती और 13 अन्य को नामजद किया गया था। इससे पहले ईडी ने मामले के सिलसिले में यादव के दिल्ली आवास, पटना, रांची और मुंबई समेत 24 ठिकानों पर छापेमारी की थी।
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