भारतीय वायु सेना (IAF) को मंगलवार को अंतिम चार राफेल लड़ाकू विमानों में से तीन मिले। लड़ाकू विमानों को फ्रांस द्वारा राफेल निर्माता डसॉल्ट एविएशन के इस्ट्रेस-ले ट्यूब एयर बेस पर सौंप दिया गया था, और यह मार्सिले के उत्तर-पश्चिम में स्थित है।
इसके बाद भारतीय वायुसेना 15 से 20 फरवरी के बीच फाइटर जेट्स को भारत ले जाने के लिए सही मौके का इंतजार करेगी। घटनाक्रम से वाकिफ लोगों के मुताबिक अब सौंपे गए विमानों की पूरी जानकारी के लिए टेस्ट-चेक किया जाएगा। लड़ाकू विमानों के 15 से 16 फरवरी के बीच भारत आने की उम्मीद है। जब वे फ्रांस से बाहर उड़ान भरेंगे, तो इन लड़ाकू जेट विमानों को भारत के करीबी सहयोगी, संयुक्त अरब अमीरात की वायु सेना द्वारा एयरबस मल्टी-रोल ट्रांसपोर्ट टैंकरों का उपयोग करके मध्य-हवा में ईंधन भरने की सुविधा प्राप्त होगी।
ये राफेल लड़ाकू जेट पूरी तरह से भारत विशिष्ट संवर्द्धन से लैस हैं, जो उन्हें किसी भी क्षेत्रीय विरोधी से लड़ने के लिए अतिरिक्त ताकत देंगे।
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