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Writer's pictureSaanvi Shekhawat

प्रशांत किशोर के न आने पर बोले भूपिंदर सिंह हुड्डा, खुद को मजबूत करने में सक्षम है कांग्रेस पार्टी


कांग्रेस के सीनियर लीडर भूपिंदर सिंह हुड्डा का कहना है कि कांग्रेस के पास अपने सुधार के लिए पूरी क्षमता और सक्षम नेतृत्व मौजूद है। हरियाणा के पूर्व सीएम ने प्रशांत किशोर से कांग्रेस की बातचीत टूटने के कुछ दिनों बाद कहा कि 13-15 मई को उदयपुर में होने वाले चिंतन शिविर में पार्टी के समक्ष खड़े सभी मुद्दों का समाधान होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में संसदीय बोर्ड पहले से रहा है और होना चाहिए। लेकिन चिंतन शिविर में इस पर चर्चा नहीं होगी क्योंकि संगठन के चुनाव की प्रक्रिया चल रही है और ऐसे विषय पर चुनाव के बाद विचार होगा। हुड्डा उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने कांग्रेस में आमूल-चूल बदलाव की मांग को लेकर पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को पत्र लिखा था।


कांग्रेस का ‘नवसंकल्प चिंतन शिविर’ 13-15 मई को उदयपुर में आयोजित हो रहा है। यह पूछे जाने पर कि क्या ‘जी23’ की ओर से उठाये गए मुद्दों का समाधान निकलेगा? हुड्डा ने कहा कि ‘जी 23’ की परिभाषा आप लोगों (मीडिया) की दी हुई है। हमारे कुछ वरिष्ठ कांग्रेसजन का विचार था कि कुछ कदमों से पार्टी मजबूत हो सकती है, आपको यह-यह कदम उठाने चाहिए। इसे लेकर हमने लिखा था। कुछ कदम उठाए भी गए हैं। यह किसी का विरोध नहीं है, हम पार्टी के हितकारी हैं। उन्होंने कहा, ‘हमने नेतृत्व के बारे में बात नहीं की है। हमने सिर्फ यह कहा कि पार्टी को कैसे मजबूत किया जाएगा। अब तो अध्यक्ष का चुनाव हो रहा है।’


इस सवाल पर कि क्या पार्टी संसदीय बोर्ड बनाने जैसी मांगों पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा, ‘चुनाव हो रहे हैं। इसकी प्रक्रिया चल रही है। दूसरी चीजों को चुनाव होने के बाद देखा जाएगा। संसदीय बोर्ड पहले भी था, (पूर्व प्रधानमंत्री) इंदिरा गांधी जी के समय भी था और होना भी चाहिए।’ उन्होंने कहा कि पार्टी को मजबूत बनाने के लिए मजबूत ब्लॉक कमेटी और मजबूत जिला कमेटी होना जरूरी है। पीके के पार्टी में शामिल न होने की बात पर हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है। कांग्रेस में क्षमता है, कांग्रेस में नेतृत्व है, कांग्रेस में नेता हैं। कांग्रेस के पास थिंक टैंक है।


गौरतलब है कि पिछले दिनों कांग्रेस लीडरशिप से लंबी बातचीत के बाद प्रशांत किशोर ने पार्टी में शामिल होने से इनकार कर दिया था। यह पूछे जाने पर कि 'ध्रुवीकरण की राजनीति' से निपटने के लिए कांग्रेस को क्या करना चाहिए। हुड्डा ने कहा, ‘इसका एक समाधान है-महात्मा गांधी। उनका अनुसरण करिए। महात्मा गांधी हिंदू थे, वह धार्मिक व्यक्ति थे और सभी धर्मों का सम्मान करते थे। उनके रास्ते पर चलकर ही देश एक रह सकता है और आगे बढ़ सकता है।’ उन्होंने जोर देकर कहा कि कांग्रेस को बापू के रास्ते पर चलना चाहिए।


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