महाराष्ट्र के रायगढ़ में पुलिस द्वारा बरामद की गई शीना बोरा की हड्डियाँ और अन्य अवशेष गायब हैं, अभियोजन पक्ष ने मामले की सुनवाई कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो की अदालत को बताया ।
पुलिस के अनुसार, 24 वर्षीय शीना बोरा की कथित तौर पर अप्रैल 2012 में हत्या कर दी गई थी और उसकी हत्या का मामला 2015 में सामने आया था। शीना बोरा की माँ इंद्राणी मुखर्जी इस हत्याकांड की मुख्य आरोपी हैं और फिलहाल जमानत पर हैं।
शीना बोरा के "अवशेषों" के बारे में अभियोजन पक्ष ने गुरुवार को मुंबई के बायकुला इलाके में सरकारी जेजे अस्पताल के एक फोरेंसिक विशेषज्ञ डॉक्टर के बयान के दौरान खुलासा किया। अदालत वर्तमान में फोरेंसिक विशेषज्ञ की गवाही दर्ज कर रही है, जिसने 2012 में पुलिस द्वारा बरामद की गई हड्डियों की पहली बार जांच की थी, जहाँ शीना बोरा के जले हुए शरीर को दफनाया गया था।
सीबीआई अदालत ने मामले की सुनवाई 27 जून तक के लिए स्थगित कर दी है। अभियोजन पक्ष के अनुसार, इंद्राणी ने अपने पूर्व पति संजीव खन्ना के साथ मिलकर 24 अप्रैल, 2012 को बांद्रा से शीना बोरा (इंद्राणी के पिछले रिश्ते से बेटी) का कथित तौर पर अपहरण किया, श्यामवर राय द्वारा चलाई जा रही कार में उसका गला घोंट दिया, जो मामले में एक आरोपी भी था, जो बाद में सरकारी गवाह बन गया। इसके बाद उन्होंने कथित तौर पर अगले दिन पड़ोसी रायगढ़ जिले में पेन-खोपोली रोड पर गगोडे गांव के पास एक जंगल में शव को ठिकाने लगा दिया। यद्यपि बोरा के अवशेष स्थानीय पुलिस को कुछ ही दिनों में मिल गए थे, लेकिन उनकी हत्या की साजिश 21 अगस्त 2015 को ही प्रकाश में आई, जब खार पुलिस ने राय को एक अन्य अपराध के लिए गिरफ्तार किया था।
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