भाजपा ने कांग्रेस पर गलवान घाटी का ज्यादातर हिस्सा चीन को सौंपने का आरोप लगाया है। लद्दाख से भाजपा सांसद जामयांग त्सेरिंग नामग्याल ने दावा किया है कि जवाहरलाल नेहरू सरकार के कार्यकाल में गलवान घाटी का ज्यादातर हिस्सा चीन को सौंप दिया गया और यह सीमा तब से वैसी ही बनी हुई है, इसमें बीते सालों में एक "इंच" का भी नुकसान नहीं हुआ है।
नामग्याल ने लोकसभा में बजट पर चर्चा के दौरान यह दावा किया। उन्होंने कांग्रेस से यह भी पूछा कि उसने 1962 से 2019 तक अपने चुनावी घोषणापत्र में अक्साई चिन क्षेत्र को भारत में वापस लाने को शामिल क्यों नहीं किया। नामग्याल ने बजट को "ऐतिहासिक" बताया और कहा कि इसमें सीमावर्ती क्षेत्रों को मजबूत करने पर ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा, “मैं एक सीमावर्ती क्षेत्र, लद्दाख से आता हूं, जो तिब्बत, चीन और पाकिस्तान की सीमा में है और जहां हमेशा तनाव रहता है। साथ ही विपक्ष ने पूछा कि सीमावर्ती इलाकों के लिए क्या किया गया। इसलिए, मैं अपने भाषण में सीमा पर ध्यान देना चाहता हूं।”
नामग्याल ने कांग्रेस पर ऐसे क्षेत्रों को 'पिछड़ा' रखने का आरोप लगाते हुए कहा कि उसने लोगों को बुनियादी सुविधाएं भी नहीं दीं। उन्होंने कहा, “नेहरू जी ने आगे की नीति के बारे में बात की लेकिन एक पिछड़ी नीति को सीमाओं पर लागू किया गया। हमारी सीमाएं निर्जन हो गईं। लोगों को कोई सुविधा नहीं दी गई।”
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