अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत नरेंद्र गिरि का बुधवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनकी इच्छा के मुताबिक उन्हें बाघम्बरी मठ में समाधि दे दी गई है। अंतिम प्रक्रिया उनके सुसाइड नोट में घोषित उत्तराधिकारी बलवीर ने संपन्न कराई।
इससे पहले उनके शरीर का पोस्टमार्टम स्वरूप रानी नेहरू हॉस्पिटल में 5 डॉक्टरों के पैनल ने किया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट सीएम योगी आदित्यनाथ को बंद लिफाफे में भेजी जाएगी। वही सुसाइड नोट में आरोपी आनंद गिरि और आद्या तिवारी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। उन्हें नैनी के सेंट्रल जेल में रखा गया है।
महंत जी के अंतिम संस्कार के बाद निरंजनी अखाड़े के महंत रविंद्र पुरी उनके आत्महत्या करने पर सवाल उठाया है। उन्होंने सुसाइड नोट पर आशंका जताते हुए कहा कि वह फर्जी है। उन्होंने कहा कि महंत नरेंद्र गिरि स्वयं कुछ नहीं लिखते थे, वह केवल हस्ताक्षर करते थे। वे इतना लम्बा सुसाइड नोट नहीं लिख सकते। इसके अलावा उन्होंने कहा कि जब कोई फांसी के फंदे पर लटकता है, तो उसकी जीभ और आंखें बाहर निकल आती हैं, लेकिन महंत जी के साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ। उनके सिर में चोट है, और फांसी से सिर के पिछले हिस्से में चोट कैसे लग सकती है। महंत नरेंद्र पुरी ने दावा किया है कि जो सुसाइड नोट मिला है वह नरेंद्र गिरि द्वारा नहीं लिखा गया है। सुसाइड नोट में बलवीर को बलवीर गिरि लिखा गया है। जबकि बलवीर गिरि संप्रदाय के महंत नहीं है वह पुरी संप्रदाय के हैं। नरेंद्र गिरि बलवीर को गिरि लिखने की गलती नहीं कर सकते थे। रवींद्र पुरी ने बताया कि महंत के निधन पर अखाड़े में 7 दिन तक शोक रहेगा।
अब महंत नरेंद्र गिरि के दूसरे शिष्य बलवीर भी सवालों के घेरे में आ गए। पहले उन्होंने कहा था कि सुसाइड नोट की लिखावट गुरु जी की ही है, और वे अगले महंत बनने के लिए तैयार है। लेकिन अब बलवीर अपनी पुराने बयान से पलटते हुए कहा कि वे गुरु जी कि लिखावट को नहीं पहचानते हैं। और महंत बनने के सवाल पर कहा कि इसका फैसला पंच परमेश्वर करेंगे। खबर के मुताबिक अब पुलिस ने बलवीर से भी पूछताछ जारी कर दी है।
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