नया नोएडा भारत और विदेशों के टॉप औद्योगिक शहरों की सुविधाओं से संजोकर बसाया जाएगा। यहां अमेरिका के शिकागो की तरह ट्रांसपोर्ट हब मिलेगा, तो दूसरी तरफ यह पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त होगा। इसके लिए मास्टर प्लान तैयार कर रही स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (एसपीए) भारत व विदेशों के टॉप औद्योगिक शहरों का अध्ययन कर रही है। सभी बेहतर चीजों को प्राथमिकता देते हुए एसपीए 2041 का मास्टर प्लान तैयार कर रही है।
दादरी व बुलंदशहर के 80 गांवों की जमीन पर नया नोएडा बसाया जा रहा है। इसको दादरी, नोएडा, गाजियाबाद से जोड़ते हुए विशेष निवेश क्षेत्र-डीएनजीआईआर-का नाम दिया है। यह शहर खासतौर से निवेश के हिसाब से बसाया जा रहा है। यहां पर आवासीय व अन्य चीजों के लिए कम स्थान होगा। अधिकारियों की मानें तो निवेश को बढ़ावा देने के लिए शिकागो इंडस्ट्रियल हब की बेहतरीन चीजों का भी अध्ययन कर बसाया जा रहा है। यहां निवेश करने आने वालों को बेहतर कनेक्टिवटी देने के लिए खासतौर से ध्यान दिया जा रहा है।
नया नोएडा प्रस्तावित सड़क व रेलवे लाइन के जरिए देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से सीधे जुड़ जाएगा। कच्चे माल व मशीनरी के लिए कोलकाता व लुधियाना जैसे शहरों को जोड़ेगा। इससे यहां निवेश और बड़े स्तर पर आएगा।
विशेष निवेश क्षेत्र 210 वर्ग कि.मी में बसाया जाएगा। मास्टर प्लान तैयार कर रही एसपीए शिकागो व अन्य यूरोपियन देशों की तर्ज पर इसे जोन में बांट विकसित करने का प्लान तैयार कर रही है। प्रत्येक जोन में अलग इंडस्ट्री का हब होगा।
अभी बसे नोएडा जैसे औद्योगिक शहर में जगह-जगह अतिक्रमण हो रखा है। प्राधिकरण से चंद कदम दूरी पर औद्योगिक सेक्टर-4, 5, 8 आदि में बड़ी संख्या में झुग्गियां बस चुकी हैं। इनको हटाना प्राधिकरण के लिए मुसीबत भरा साबित हो रहा है। अधिकारियों का दावा है कि नए नोएडा में अतिक्रमण दूर-दूर तक नहीं होगा।
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