अफगानिस्तान में तालिबानियों का जुल्म बढ़ता ही जा रहा है। जो भी तालिबानियों के खिलाफ आवाज़ उठाता है, उसे तालिबानियों के जुल्म का सामना करना पड़ता है। तालिबानियों की सरकार में किसी को भी बोलने तक की आजादी नहीं है।
हाल ही में कुछ महिलाएं अपनी आजादी के लिए प्रदर्शन कर रही थी और पत्रकार उन्हें अपने कैमरे में कवर कर रहे थे। लेकिन तालिबानियों को यह मंजूर नहीं हुआ और वे महिलाओं और पत्रकारों पर अपना गुस्सा निकालने लगे। तालिबानियों ने पत्रकारों का पीट-पीटकर बुरा हाल कर दिया। वहीं कई ऐसे वीडियो भी सामने आए हैं जिसमें तालिबानी अफ़ग़ानी महिलाओं पर कोड़े बरसाते हुए नजर आए हैं।
अफगानिस्तान की महिलाएं अपने ऊपर लगी सारी पाबंदियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थी जिसके लिए तालिबानियों ने उनके साथ बुरा सुलूक किया और उन्हें पीटा।
तालिबानी सरकार ने यह भी ऐलान किया है कि अफगान की महिलाएं क्रिकेट नहीं खेलेंगी क्योंकि क्रिकेट का ड्रेस इस्लाम के पहनावे जैसा नहीं है। ड्रेस में महिलाओं के शरीर का कुछ हिस्सा जैसे चेहरा और हाथ दिखाई देता है। इसके अलावा महिलाओं को कैमरे के सामने नहीं आना या उनसे बातचीत नहीं करना चाहिए ऐसी तालिबानी धारणा है।
तालिबानियों के राज में महिलाएं कितनी सुरक्षित है यह तो दुनिया देख रही है। जो लोग महिलाओं के ऊपर कौडे बरसा रहे हैं उनके राज में महिलाओं के सुरक्षित रहने की कोई गुंजाइश ही नहीं है।
Comentarios