विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से डिजिलॉकर खाते के माध्यम से जारी की गई डिग्री, मार्कशीट और अन्य दस्तावेजों को वैध दस्तावेजों के रूप में स्वीकार करने का अनुरोध किया है।
यूजीसी ने हाल ही में एक पत्र में कहा है कि नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी (NAD) शैक्षणिक संस्थानों द्वारा डिजिटल प्रारूप में दर्ज किए गए अकादमिक दस्तावेजों जैसे डिग्री, मार्क-शीट्स आदि का एक ऑनलाइन स्टोरहाउस है।
आयोग ने कहा, "यह छात्रों को बिना किसी भौतिक हस्तक्षेप के किसी भी समय, कहीं भी अपने मूल जारीकर्ताओं से सीधे डिजिटल प्रारूप में प्रामाणिक दस्तावेज / प्रमाण पत्र प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करता है।"
"शिक्षा मंत्रालय ने यूजीसी को एनएडी के डिपॉजिटरी के रूप में डिजिलॉकर को एक स्थायी योजना के रूप में लागू करने के लिए विशिष्ट रूप से नामित किया है। पत्र के अनुसार शैक्षणिक संस्थान खुद को पंजीकृत कर सकते हैं और अपने शैक्षणिक पुरस्कार अपलोड कर सकते हैं।"
"इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म में छात्रों की डिग्री, मार्क-शीट और अन्य दस्तावेजों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में अपलोड करने की सुविधा है। डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध ये इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के प्रावधानों के अनुसार वैध दस्तावेज हैं," ऐसा यूजीसी ने कहा।
यूजीसी ने ये भी कहा की "एनएडी कार्यक्रम की पहुंच बढ़ाने के लिए सभी शैक्षणिक संस्थानों से डिजिलॉकर खाते में जारी किए गए दस्तावेजों में उपलब्ध डिग्री, मार्कशीट और अन्य दस्तावेजों को वैध दस्तावेजों के रूप में स्वीकार करने का अनुरोध किया जाता है।"
छात्र अपने दस्तावेजों की डिजिटल रूप में अपलोड और डाउनलोड करने के लिए डिजिलॉकर ऐप डाउनलोड कर सकते हैं या वेबसाइट- digilocker.gov.in पर भी जा कर खुद को पंजीकृत कर सकते है।
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