डिजिटल सबूतों से पाकिस्तान की संलिप्तता के संकेत: जांच एजेंसियों का खुलासा
- Asliyat team
- 22 minutes ago
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हाल ही में देश में सामने आए एक संवेदनशील साइबर सुरक्षा उल्लंघन और आतंकी गतिविधियों की साजिश की जांच में चौंकाने वाला मोड़ आया है। जांच एजेंसियों ने दावा किया है कि प्राप्त डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर पाकिस्तान के तत्वों की संलिप्तता के स्पष्ट संकेत मिले हैं।
जांच में शामिल केंद्रीय एजेंसियों के अनुसार, संदिग्ध गतिविधियों की डिजिटल ट्रैकिंग और आईपी ऐड्रेस विश्लेषण से यह स्पष्ट हुआ है कि हमले के लिए इस्तेमाल किए गए सर्वर और संचार नेटवर्क पाकिस्तान में स्थित थे। साथ ही, कुछ ईमेल और एन्क्रिप्टेड चैट लॉग्स की भाषा और पैटर्न भी पाकिस्तान-आधारित आतंकी संगठनों के पिछले तरीकों से मेल खाते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, साइबर जांच में जो डेटा रिकवर हुआ है, उसमें कुछ पाकिस्तानी मोबाइल नंबर, सोशल मीडिया अकाउंट्स और इंटरनेशनल बैंक ट्रांजेक्शन की भी जानकारी शामिल है। इन खातों का इस्तेमाल भारत में अस्थिरता फैलाने, अफवाहें फैलाने और संवेदनशील जानकारी चुराने के लिए किया गया था।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और CERT-In सहित कई एजेंसियां इस मामले की गहराई से जांच कर रही हैं। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, यह एक संगठित अभियान था जिसका उद्देश्य भारत की आंतरिक सुरक्षा को प्रभावित करना, साम्प्रदायिक तनाव पैदा करना और रणनीतिक संस्थानों में घुसपैठ करना था।
गृह मंत्रालय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है और पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा राजनयिक विरोध दर्ज कराने पर विचार किया जा रहा है। भारत सरकार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी इस साजिश का मुद्दा उठाने की योजना बना रही है ताकि पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क को वैश्विक स्तर पर बेनकाब किया जा सके।
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत के खिलाफ साइबर और मनोवैज्ञानिक युद्ध की कोशिशें जारी हैं और डिजिटल सुरक्षा के मोर्चे पर सजगता और प्रतिबद्धता पहले से कहीं अधिक जरूरी हो गई है।
सरकारी अधिकारियों ने जनता से भी अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध लिंक, मैसेज या सोशल मीडिया सामग्री से सतर्क रहें और कोई भी जानकारी तुरंत संबंधित प्राधिकरणों के साथ साझा करें।
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