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डब्ल्यूएचओ चीफ ने बताया कैसे होगा कोरोना महामारी का अंत, क्या कोविड-19 हो सकता है खत्म?

कोविड-19 महामारी: डब्ल्यूएचओ के चीफ ने कहा कि दुनिया भर में फैले इस कोरोनावायरस को हराया जा सकता है| लेकिन इसके लिए सभी देशों को एकजुट होना पड़ेगा और इसके साथ ही कुछ बातों का खास ध्यान रखना पड़ेगा| अगर ऐसा होता है तो जल्द ही इस महामारी से छुटकारा पाया जा सकता है| कोरोनावायरस के नए वैरीएंट के सामने आने से संक्रमण के मामले दुनिया भर में बढ़ रहे हैं| देश में भी पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के केसो में काफी इजाफा हुआ है| पिछले 24 घंटे के अंदर 1,19,472 लाख नए केस सामने आए हैं और संक्रमण की दर बढ़ गई है| वहीं अगर ओमिक्रॉन की बात करें तो इसके भी देश में 4500 से भी ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं|


कोरोना को लेकर डब्ल्यूएचओ ने क्या कहा?


कोरोना महामारी की नई लहर के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक बार फिर दुनिया के सभी देशों तक वैक्सीन पहुंचाने पर जोर दिया है| विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) के प्रमुख ने सोमवार को कहा कि इस महामारी को खत्म करना संभव है| लेकिन इसके लिए कुछ कड़े और बड़े कदम उठाने होंगे| डब्ल्यूएचओ के चीफ "ट्रेडोस अडनॉम" ने कहा निश्चित रूप से कोविड-19 को हराया जा सकता है इससे लड़ा जा सकता है| लेकिन दुनियाभर की सभी सरकारों और वैक्सीन उत्पादकों को दो बड़ी चीजों को लेकर आश्वस्त करना होगा| पहला यह कि जिस देश में वैक्सीन नहीं पहुंच पा रही है,लेकिन कोरोना का खतरा है उन देशों में वैक्सीन की सप्लाई को बढ़ाएं और दूसरा महत्वपूर्ण कदम यह होगा कि लोगों को वैक्सीन देने के लिए आवश्यक संसाधनों की पूर्ति की जाएगी, हम तब तक कहीं भी सुरक्षित नहीं है जब तक हर कोई सुरक्षित नहीं है|


डब्ल्यूएचओ का वैक्सीनेशन पर जोर, 2022 के मध्य तक 70 प्रतिशत आबादी हो वैक्सीनेटेड|


डब्ल्यूएचओ के चीफ ने 2021 के अपने अंतिम संबोधन में भी कहा था| कोई भी देश इस महामारी से बचा नहीं है| हमारे पास कोरोनावायरस को रोकने के लिए और उसका इलाज करने के लिए कई नए उपकरण है| वैक्सीन की असमानता जितनी रहेगी उतना ही इस वायरस के विकसित होने का जोखिम होगा| जिसे हम रोक नहीं सकते| अगर हम वैक्सीन के असमानता को समाप्त करते हैं तो हम इस महामारी से छुटकारा पा सकते हैं| कुछ छोटे और गरीब देशों में वैक्सीनेशन उतने अच्छे से नहीं हो पा रहा है जितना कि अमीर देशों में वैक्सीनेशन हो रहा है|


डब्ल्यूएचओ के चीफ ने आगे कहा कि हम अब महामारी के तीसरे साल में प्रवेश कर गए हैं| अगर हम सभी इससे एकजुट होकर लड़ते हैं तो मुझे यकीन है यह वर्ष होगा जब हम सभी इस महामारी को खत्म कर देंगे| आगे कहा कि 2022 के मध्य तक सभी देशों में 70% लोगों को टीकाकरण के वैश्विक लक्ष्य तक पहुंचने के लिए सभी देशों को एक साथ काम करने की आवश्यकता है|


डब्ल्यूएचओ 2021 से ही वैक्सीनेशन और उसके पर्याप्त संसाधनों की अहमियत पर जोर देते आ रहे हैं| वह इस बात को फिर से दोहराते हुए कहते हैं विश्व के नेताओं को वैक्सीन असमानता को समाप्त करने के लिए एक साथ काम करना चाहिए, क्योंकि कई देशों में वैक्सीन की कमी के कारण देश की बड़ी आबादी वैक्सीनेट नहीं हो पाई है| लेकिन कुछ अमीर देश मैं तो बूस्टर डोज की भी खुराक लगनी शुरू हो गई हैं| वहीं पिछले हफ्ते भी वैक्सीन असमानता को लेकर डब्ल्यूएचओ चीफ ने कहा था कि अगर हम वैक्सीन को सही तरह से बांटने में असफल होते हैं तो वायरस के नए वैरीएंट आते रहेंगे और हमें बर्बाद करते रहेंगे|

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