139.5 करोड़ रुपये के डोरंडा कोषागार गबन मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने मंगलवार को राष्ट्रीय जनता दल और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को दोषी ठहराया है। सीबीआई के एक वकील ने कहा कि सजा की मात्रा 18 फरवरी को सुनाई जाएगी।
अदालत ने 29 जनवरी को मामले में दलीलें पूरी करते हुए अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। प्रसाद इससे पहले चारा घोटाला के चार अन्य मामलों में 14 साल जेल की सजा काट चुके हैं। सीबीआई के वकील ने कहा, "लालू प्रसाद को दोषी ठहराया गया है। सजा 18 फरवरी को सुनाई जाएगी।"
विशेष सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) के न्यायाधीश एस के शशि की अदालत ने प्रसाद सहित 99 आरोपियों के खिलाफ सुनवाई पूरी कर ली है। अंतिम आरोपी डॉ. शैलेंद्र कुमार की ओर से बहस 29 जनवरी को पूरी हुई। फैसले के दिन सभी आरोपियों को अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया गया था।
मामले के मूल 170 आरोपियों में से 55 की मौत हो चुकी है, सात सरकारी गवाह बन चुके हैं, दो ने अपने ऊपर लगे आरोप स्वीकार कर लिए हैं और छह फरार हैं। प्रसाद के अलावा पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, तत्कालीन लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष ध्रुव भगत, पशुपालन सचिव बेक जूलियस और पशुपालन सहायक निदेशक डॉ के एम प्रसाद मुख्य आरोपी हैं।
950 करोड़ रुपये का घोटाला अविभाजित बिहार के विभिन्न जिलों में सरकारी खजाने से धोखाधड़ी से संबंधित है। चारा घोटाला जनवरी 1996 में पशुपालन विभाग में छापेमारी के बाद सामने आया था। सीबीआई ने जून 1997 में प्रसाद को एक आरोपी के रूप में नामित किया था। एजेंसी ने प्रसाद और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के खिलाफ आरोप तय किए थे।
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