ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, बुधवार को कुन्नूर में एमआई -17 हेलिकॉप्टर दुर्घटना में एकमात्र जीवित बचे, जिसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत सहित 13 लोगों की मौत हो गई।
अधिकारियों ने कहा कि उनको गुरुवार को बाद में बेंगलुरु के भारतीय वायु सेना (IAF) कमांड अस्पताल में ले जाया जा सकता है। सिंह को बेंगलुरु ले जाने के लिए कमांड अस्पताल के दो डॉक्टर वेलिंगटन में हैं।
सीडीएस जनरल रावत, 63, उनकी पत्नी मधुलिका राजे सिंह रावत और 11 अन्य बुधवार दोपहर भारत के शीर्ष सैन्य अधिकारियों से जुड़े सबसे खराब हवाई दुर्घटनाओं में से एक में मारे गए। रावत फैकल्टी और छात्र अधिकारियों को संबोधित करने के लिए वेलिंगटन में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (डीएसएससी) के दौरे पर थे। ग्रुप कैप्टन डीएसएससी में स्टाफ को निर्देशित कर रहा है।
हादसे की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। हेलिकॉप्टर सुलूर हवाई अड्डे से डीएसएससी की ओर जा रहा था तभी कुन्नूर के पास नीचे गिरा। सीडीएस, उनकी पत्नी और सात अन्य भारतीय वायुसेना के वीवीआईपी संचार स्क्वाड्रन के एम्ब्रेयर जेट पर नई दिल्ली से सुलूर के लिए रवाना हुए थे।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने वीरता के लिए 15 अगस्त, 2021 को सिंह को शौर्य चक्र से सम्मानित किया था। यह पुरस्कार भारत का तीसरा सबसे बड़ा शांतिकाल वीरता पदक है। सिंह उस समय एक विंग कमांडर थे और एक हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) स्क्वाड्रन में पायलट थे।
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