भारत में गूगल पे ने पाइन लैब्स के साथ नए पेमेंट सिस्टम की शुरुआत की है। इससे यूपीआई आईडी स्कैन करने या अड्रेस टाइप करने का झंझट खत्म हो जाएगा और डिजिटल पेमेंट और तेज हो सकेगी। गूगल पे ने पाइन लैब्स के साथ मिलकर भारत में एनएफसी पेमेंट सिस्टम लॉन्च किया है। इसके जरिए दो डिवाइस को आपस में सटाकर पेमेंट की जा सकेगी। अभी यूपीआई कोड स्कैन करके या फिर पेमेंट अड्रेस टाइप कर पेमेंट किया जाता है, एनएफसी के बाद इसकी जरूरत नहीं होगी। एनएफसी या नियर फील्ड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी एक छोटी रेंज वाली वायरलेस कनेक्टिविटी टेक्नोलॉजी है, जिसके जरिए कनेक्टेड डिवाइसेज आपस में जानकारी का तेज आदान-प्रदान कर सकती हैं।
जरूरी होगा कि दोनों डिवाइसेज एक-दूसरे को छुएं या फिर कुछ सेंटीमीटर की दूरी पर हों। अब जिन यूजर्स के पास एनएफसी वाला गूगल पे ऐप है, वे पाइन लैब्स के एंड्रायड पीओएस टर्मिनल डिवाइस पर एक टैप करके पेमेंट कर सकेंगे।
इस तकनीक का प्रयोग वायरलेस चार्जिंग में भी होता है। एनएफसी टेक्नोलॉजी के लिए डिवाइसेज का संपर्क में आना जरूरी होता है इसलिए अन्य वायरलेस टेक्नोलॉजी (जो कई मीटर के दायरे में काम करती हैं) के मुकाबले ये ज्यादा सुरक्षित मानी जाती है। हालांकि यह टेक्नोलॉजी बिल्कुल नई नहीं है। साल 2004 में ही नोकिया, फिलिप्स और सोनी ने मिलकर एक एनएफसी फोरम बनाई थी। नोकिया ने इस टेक्नोलॉजी पर आधारित अपना पहला फोन 2007 में ही लॉन्च कर दिया था।
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