एक स्थानीय अदालत ने रविवार को गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी को एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया, जिन्हें असम पुलिस ने बुधवार को प्रधानमंत्री के खिलाफ एक कथित ट्वीट के लिए पश्चिमी राज्य से गिरफ्तार किया था।
उन्होंने कहा कि उनकी जमानत याचिका सहित उनके मामले में सोमवार को सुनवाई होगी।
कोकराझार के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरजीत सिंह पनेसर ने यहां संवाददाताओं से कहा कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की अदालत ने उन्हें एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का फैसला किया है।
मेवाणी की तीन दिन की पुलिस हिरासत रविवार को समाप्त हो गई थी, जिसके बाद उन्हें देर शाम अदालत में पेश किया गया और मामले में दो घंटे से अधिक समय तक रात साढ़े नौ बजे तक बहस चलती रही।
पनेसर ने यह भी कहा कि मेवाणी को सोमवार सुबह फिर से अदालत में पेश किया जाएगा और उनकी जमानत याचिका सहित उनकी सुनवाई जारी रहेगी।
इस बीच कांग्रेस ने यहां मेवाणी के समर्थन में धरना प्रदर्शन जारी रखा।
असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेन बोरा और विधायक दिगंता बर्मन ने यहां पार्टी कार्यालय से कोकराझार पुलिस स्टेशन तक एक मौन मार्च का नेतृत्व किया, जहां मेवाणी को उनकी पुलिस रिमांड के दौरान रखा गया था।
मेवाणी की रिहाई की मांग को लेकर कांग्रेस विधायक और नेता रोजाना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
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