जम्मू-कश्मीर के सैनिकों के साथ दशक पुराने भेदभाव को समाप्त करते हुए केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन ने शनिवार को केंद्र शासित प्रदेश के बाहर राष्ट्र की सेवा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों के लिए मुआवजे की राशि 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख कर दी है। इस फैसले की घोषणा उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान की।
अरुणाचल प्रदेश में गश्त के दौरान हिमस्खलन में अपनी जान गंवाने वाले सात सैन्यकर्मियों को श्रद्धांजलि देते हुए सिन्हा ने कहा कि कुछ जवान जम्मू-कश्मीर के थे और उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए उनके गृहनगर लाया गया है।
उन्होंने कहा की "केंद्र शासित प्रदेश के बाहर शहादत हासिल करने वाले जम्मू-कश्मीर के जवानों को 4 या 5 लाख रुपये मिलते थे। हमने अब राहत को बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने का फैसला किया है।"
''फाइल प्रक्रिया में थी और इसमें कुछ और दिन लगने वाले थे। मैंने मुख्य सचिव को उन सैनिकों को 25 लाख रुपये की राहत देना शुरू करने का निर्देश दिया, जिनके शव अरुणाचल प्रदेश से यहां पहुंचे थे।"
जम्मू-कश्मीर में मौजूदा स्थिति का जिक्र करते हुए लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने कहा कि कोई भी भारत या जम्मू-कश्मीर में तिरंगे का विरोध नहीं कर सकता है।उन्होंने कहा कि उनका प्रशासन केंद्र के सहयोग से केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवाद के माहौल को खत्म करने के लिए काम कर रहा है।
एलजी ने यह भी बताया कि COVID-19 मामलों में गिरावट के बीच शैक्षणिक संस्थानों को दो सप्ताह के भीतर फिर से खोल दिया जाएगा। सुरक्षा स्थिति पर विस्तार से बताते हुए सिन्हा ने कहा कि आतंकी गतिविधियों में उल्लेखनीय गिरावट आई है और केंद्र शासित प्रदेश के लोगों को अनुकूल माहौल प्रदान करने के प्रयास जारी हैं।
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