केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह रामसेतु को राष्ट्रीय विरासत स्मारक घोषित करने से जुड़े मुद्दे पर विचार कर रहा है।
इस मुद्दे पर राज्यसभा के पूर्व विधायक सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पर्दीवाला की खंडपीठ ने भाजपा नेता से कहा कि अगर वह चाहें तो सरकार को एक प्रतिनिधित्व दें।
"विद्वान सॉलिसिटर जनरल (तुषार मेहता) कहते हैं कि वर्तमान में संस्कृति मंत्रालय में एक प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता (स्वामी) अगर चाहें तो अतिरिक्त संचार प्रस्तुत कर सकते हैं।
अदालत ने केंद्र से इस मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए कहा और स्वामी को असंतुष्ट होने पर फिर से उसके समक्ष पेश होने की स्वतंत्रता दी।
उन्होंने कहा, 'मैं किसी से नहीं मिलना चाहता... हम एक ही पार्टी में हैं। यह हमारे घोषणापत्र में था। उन्हें छह सप्ताह या जो भी हो, में फैसला करने दीजिए।'
भाजपा नेता ने कहा, "मैं फिर आऊंगा।"
स्वामी ने कहा कि 2019 में तत्कालीन संस्कृति मंत्री प्रह्लाद पटेल ने इस मुद्दे पर बैठक बुलाई थी और रामसेतु को राष्ट्रीय विरासत स्मारक घोषित करने की सिफारिश की थी।
"मुद्दा यह है कि उन्हें कहना है - 'हां' या 'नहीं'," उन्होंने कहा।
विधि अधिकारी ने कहा कि केंद्र सरकार इस पर गौर कर रही है।
Comments