शुक्रवार को जारी तीन अध्ययनों ने इस बात के और सबूत पेश किए कि ओमाइक्रोन संस्करण के लिए COVID-19 वैक्सीन और बूस्टर शॉट्स आवश्यक हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि वे ओमाइक्रोन के खिलाफ टीके की सुरक्षा को देखने वाले पहले बड़े अमेरिकी अध्ययन हैं।
कागजात पिछले शोध को प्रतिध्वनित करते हैं - जिसमें जर्मनी, दक्षिण अफ्रीका और यूके में अध्ययन शामिल हैं। यह अध्ययन दर्शाता है कि उपलब्ध टीके कोरोनावायरस के पुराने संस्करणों की तुलना में ओमाइक्रोन के खिलाफ कम प्रभावी हैं। लेकिन यह भी पाया गया है कि बूस्टर डोज से बचने की संभावना बढ़ जाती है।
इस अध्ययन में यह भी पाया गया कि फाइजर या मॉडर्न वैक्सीन की तीन खुराक के बाद आपातकालीन विभाग को रोकने और COVID-19 से जुड़ी तत्काल देखभाल यात्राओं के बाद वैक्सीन की प्रभावशीलता सबसे अच्छी थी। डेल्टा तरंग के दौरान सुरक्षा 94% से गिरकर ओमाइक्रोन तरंग के दौरान 82% हो गई है।
अध्ययन में अधिकारियों ने न केवल संक्रमण बल्कि गंभीर बीमारी को रोकने के लक्ष्य पर जोर दिया है। अच्छी खबर यह है कि तीसरी खुराक COVID-19 के लिए अस्पताल में भर्ती होने से रोकने में कम से कम 90% प्रभावी थी। दूसरे अध्ययन में यह भी पाया गया कि जिन लोगों को बूस्ट शॉट दिए गए, उनमें कोरोना वायरस के संक्रमण से सबसे ज्यादा सुरक्षा मिली।
तीसरे अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि दो खुराक के पूरा होने के कई महीनों बाद उसकी सुरक्षा मापा जाने पर ओमाइक्रोन के खिलाफ कोई महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रदान नहीं करते थे। अध्ययन में पाया गया कि अगर लोगों ने अपनी फाइजर या मॉडर्न सीरीज के कम से कम पांच महीने पूरे कर लिए हों तो उन्हें बूस्टर मिलना चाहिए।
सीडीसी के निदेशक डॉ. रोशेल वैलेंस्की ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस ब्रीफिंग के दौरान कहा, "यदि आपको बूस्टर मिल सकता है और आपको नहीं मिला है, तो आप अभी सुरक्षित नहीं हैं और आपको अपना बूस्टर लेने की जरूरत है।"
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