महसी में भेड़ियों के हमले और कतर्नियाघाट में तेंदुए और हाथी के हमले की घटनाओं के बाद, बहराइच के निवासियों को अब आक्रामक आवारा कुत्तों के नए खतरे का सामना करना पड़ रहा है।
पिछले 10 दिनों में जिले के कई इलाकों में कुत्तों के हमले में एक बच्चे की मौत हो गई है और 14 लोग घायल हो गए हैं।
स्थिति इतनी बिगड़ गई है कि प्रशासन शिवपुर और महसी ब्लॉक के प्रभावित गांवों में लाउडस्पीकर के जरिए सार्वजनिक घोषणा कर रहा है, जिसमें निवासियों को शाम को बाहर निकलते समय लाठी लेकर निकलने की सलाह दी गई है।
जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) मोनिका रानी ने एक एडवाइजरी जारी कर अभिभावकों को निर्देश दिया है कि वे बच्चों को अकेले बाहर न जाने दें। उन्होंने अधिकारियों को उनके क्षेत्रों में इस तरह के हमलों की पुनरावृत्ति होने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।
प्रशासन ने निवासियों को खतरे के बारे में शिक्षित करने के लिए 192 गांवों में जागरूकता अभियान चलाया है।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी (सीवीओ) डॉ. राजेश उपाध्याय ने गुरुवार को पीटीआई को बताया कि सबसे गंभीर घटना 24 फरवरी को शिवपुर ब्लॉक के खैरीघाट इलाके में हुई। उन्होंने कहा, "माटेरा कला गांव की 12 वर्षीय लड़की पिंकी पर स्कूल के बाद खेतों में चारा काटते समय चार-पांच आवारा कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया। कुत्ते उसे घसीटकर ले गए और उसे नोच-नोच कर मार डाला। बाद में ग्रामीणों ने उसका बुरी तरह क्षत-विक्षत शव बरामद किया।" डॉ. उपाध्याय ने आगे बताया कि सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों - शिवपुर ब्लॉक में खैरीघाट और शिवपुर बाजार और महसी ब्लॉक में सिकंदरपुर - में पिछले 10 दिनों में कुत्तों के हमले के 14 मामले सामने आए हैं। सभी पीड़ितों का सरकारी अस्पतालों में इलाज चल रहा है। कुत्तों ने पशुओं पर हमला किया है, जिसमें 81 घायल पशुओं का इलाज चल रहा है। उन्होंने कहा कि एहतियात के तौर पर 6,000 से अधिक पालतू और आवारा पशुओं को रेबीज के टीके लगाए गए हैं।
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