विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि इस साल भीषण गर्मी और भीषण तापमान के बीच हज यात्रा के दौरान कम से कम 98 भारतीय नागरिकों की प्राकृतिक कारणों, बुढ़ापे और बीमारी से मौत हुई है। इस साल करीब 1,75,000 भारतीयों ने हज यात्रा की। मरने वालों में चार लोग दुर्घटना में मारे गए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "इस साल 175,000 भारतीय हज यात्रा पर जा चुके हैं... अब तक हमने अपने 98 नागरिकों को खो दिय है। ये मौतें प्राकृतिक बीमारी, प्राकृतिक कारणों, पुरानी बीमारी और बुढ़ापे के कारण हुई हैं। अराफात के दिन छह भारतीयों की मौत हो गई। चार भारतीयों की मौत दुर्घटनाओं के कारण हुई। पिछले साल हज में मरने वाले भारतीयों की संख्या 187 थी..."
करीब 10 देशों ने हज के दौरान 1,081 लोगों की मौत की सूचना दी है। हज इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है, जिसे सभी मुसलमानों को कम से कम एक बार करना चाहिए।
रिपोर्ट के अनुसार, कुल संख्या में 658 मिस्र, 183 इंडोनेशिया, 68 जॉर्डन और 58 पाकिस्तान के लोग शामिल हैं। मलेशिया, ईरान, सेनेगल, ट्यूनीशिया, सूडान और इराक के स्वायत्त कुर्दिस्तान क्षेत्र ने भी मौतों की पुष्टि की है।
मारे गए लोगों में से कई अपंजीकृत श्रद्धालु थे, जिन्होंने अत्यधिक गर्मी में तीर्थयात्रा की। यह समूह अधिक असुरक्षित है, क्योंकि आधिकारिक परमिट के बिना, वे अधिकृत तीर्थयात्रियों द्वारा प्रदान किए गए वातानुकूलित स्थानों तक नहीं पहुँच सकते।
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