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Writer's pictureSaanvi Shekhawat

इटली के मिन लुइगी डि माओ ने भारत यात्रा के दौरान रणनीतिक संबंधों की समीक्षा की।

विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके दौरे पर आए समकक्ष लुइगी डि माओ ने द्विपक्षीय संबंधों और रणनीतिक साझेदारी के पूरे स्पेक्ट्रम की समीक्षा की। वह चार मई से तीन दिवसीय भारत दौरे पर थे।


हाल के भू-राजनीतिक घटनाक्रमों के संदर्भ में, दोनों मंत्रियों ने यूक्रेन, अफगानिस्तान और इंडो-पैसिफिक सहित आपसी हितों के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों और जी-20 सहित बहुपक्षीय मंच में सहयोग पर विचारों का आदान-प्रदान किया।


यूक्रेन पर, दोनों मंत्रियों ने चल रहे मानवीय संकट पर अपनी चिंता व्यक्त की और उसको तत्काल रूप से समाप्त करने का आह्वान किया। बैठक के बाद जारी एक संयुक्त प्रेस बयान में कहा गया है कि उन्होंने संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान के साथ संयुक्त राष्ट्र चार्टर के आधार पर अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की रक्षा के महत्व को भी रेखांकित किया।


दोनों पक्षों ने नवंबर, 2020 में वर्चुअल शिखर सम्मेलन में अपनाई गई 2020-2024 कार्य योजना के कार्यान्वयन में प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने बढ़ते द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों का स्वागत किया और नए क्षेत्रों में उनका विस्तार करने पर सहमति व्यक्त की।


उन्होंने पिछले साल प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की इटली यात्रा के दौरान घोषित ऊर्जा संक्रमण पर भारत-इटली रणनीतिक साझेदारी के कार्यान्वयन पर भी चर्चा की और गैस परिवहन, हरित हाइड्रोजन, जैव ईंधन और ऊर्जा भंडारण, संयुक्त प्रेस जैसे क्षेत्रों में साझेदारी करने पर सहमति दिखाई।


इसके अलावा, वे संयुक्त रूप से 17 नवंबर 2022 को दिल्ली में आयोजित होने वाले ऊर्जा संक्रमण और परिपत्र अर्थव्यवस्था पर भारत-इटली प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन आयोजित करने पर सहमत हुए। दोनों नेताओं ने रक्षा के क्षेत्र में घनिष्‍ठ औद्योगिक सहयोग की संभावना दिहाई। उन्होंने आतंकवाद, हिंसक उग्रवाद और साइबर अपराध से संबंधित आम चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।


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