सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह लखीमपुर खीरी हिंसा के सिलसिले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए एक पीठ का गठन करेगा। प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कुछ किसानों की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण की इस दलील पर गौर किया कि इस मामले के मुख्य गवाहों में से एक पर हमला हुआ था जिसमें चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हुई थी।
अन्य सह-आरोपी भी आशीष मिश्रा को जमानत देने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को देखते हुए जमानत मांग रहे हैं। CJI ने कहा कि वह उस पीठ का गठन करेंगे जिसने पहले मामले की सुनवाई की थी। CJI न वी रमना, जस्टिस सूर्य कांत और हेमा कोहली की पीठ ने पहले उस घटना से संबंधित मामले की सुनवाई की थी जिसमें चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी और जांच की निगरानी के लिए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश को नियुक्त किया था।
उच्च न्यायालय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने 10 फरवरी को मिश्रा को जमानत दे दी थी। हिंसा में मारे गए किसानों के परिवार के तीन सदस्यों ने उच्च न्यायालय के 10 फरवरी के जमानत आदेश पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा कि यह फैसला कानून की नजर में टिकाऊ नहीं है क्योंकि उन्हें राज्य की ओर से कोई सार्थक और प्रभावी सहायता नहीं मिली है”।
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