सऊदी अरब के नेताओं पर पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या और उस पर एक दिखावटी जांच का आरोप लगाने के साढ़े तीन साल बाद तुर्क राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोवान सऊदी अरब से फिर दोस्ती बढ़ाने निकले हैं। सऊदी सरकार के आलोचक खशोगी की 2018 में इस्तांबुल के सऊदी कॉन्सुलेट में हत्या कर दी गई थी। हत्या करने वाले लोग भी सऊदी अरब के ही थे। तब एर्दोवान ने सऊदी सरकार पर इस हत्याकांड में बड़े स्तर पर शामिल होने के आरोप लगाए। कहा गया कि सऊदी सरकार ने ही इसका आदेश दिया था इसके साथ ही इस मामले की जांच में रियाद की न्यायिक प्रक्रिया पर भी सवाल उठाये गए। यहां तक कि तुर्की ने छेड़छाड़ की आशंका जता कर रियाद को इस मामले से जुड़े सबूत भी सौंपने से मना कर दिया।
अब तुर्की की अर्थव्यवस्था कठिनाई झेल रही है और लोगों की मुश्किल बढ़ने के साथ ही चुनाव का वक्त आ रहा है तो एर्दोवान तुर्की के तनावपूर्ण रिश्तों को सुधारने में जुटे हैं। खशोगी हत्याकांड में एर्दोवान के सख्त रवैया दिखाने के बाद सऊदी अरब ने अनाधिकारिक तौर पर तुर्की से आयात रोक दिया था. तुर्की ने इस महीने खशोगी हत्याकांड में अपनी जांच सऊदी अरब को सौंपने का फैसला किया। सामाजिक कार्यकर्ता और विपक्षी दल इस फैसले की आलोचना कर रहे हैं। हालांकि विश्लेषकों और राजनयिकों का कहना है कि कूटनीतिक रूप से तुर्की के अलग थलग हो जाने के कारण संबंधों को सुधारना जरूरी हो गया था।
हाल के वर्षों में तुर्की ने क्षेत्रीय ताकतों के विरोध के बावजूद सोमालिया और कतर में अपने सैन्य अड्डे बनाये हैं। सीरिया, लीबिया, नागोर्नो काराबाख और दूसरी जगहों पर चल रहे संघर्षों में तुर्की का रुख और रूसी हथियारों को हासिल करने की वजह से पड़ोसियों और नाटो के सहयोगियों के साथ तुर्की के संबंध अच्छी स्थिति में नहीं हैं। तुर्की की अर्थव्यवस्था बीते कुछ सालों से मुश्किल में है। 2021 में यहां एर्दोवान समर्थित एक मुद्रा नीति की वजह से लीरा के लिए संकट पैदा हो गया। महंगाई की दर यहां 60 फीसदी को पार कर गई है। देश में आर्थिक मुश्किलों से परेशान लोगों ने प्रदर्शन भी किये हैं।
तुर्की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संबंधों को सुधार कर इसे संकट से उबारने की कोशिश में है। चीन के साथ मौजूदा मुद्रा परिवर्तन के करारों के अलावा कतर, दक्षिण कोरिया और संयुक्त अरब अमीरात के साथ तुर्की ने करीब 28 अरब अमेरिकी डॉलर के करार किए हैं. अब वह सऊदी अरब के साथ भी करार करने की कोशिश में है। इसके साथ ही वह सऊदी अरब से निवेश और ठेके भी हासिल करना चाहता है। बुधवार को तुर्की के वित्त मंत्री नुरेद्दीन नेबाती ने कहा कि उन्होंने अपने सऊदी समकक्ष के साथ अर्थव्यवस्था, व्यापार और निवेश में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की है।
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