उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि दी और कहा कि पद्म विभूषण से सम्मानित कल्याण सिंह ने समाज के पुनर्निर्माण में अविस्मरणीय योगदान दिया। उनके सहयोगियों केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने भी पूर्व मुख्यमंत्री को श्रद्धांजलि दी।
आदित्यनाथ ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "उत्तर प्रदेश में सुशासन के संस्थापक, श्री राम मंदिर आंदोलन के प्रणेता, राजस्थान के पूर्व राज्यपाल और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, श्रद्धेय कल्याण सिंह 'बाबूजी' का समाज के पुनर्निर्माण में अविस्मरणीय योगदान है।" उन्होंने आगे कहा, "उन्होंने अपने जीवन का हर क्षण समाज और राष्ट्र की सेवा में समर्पित कर दिया। सेवा, सुशासन और सामाजिक न्याय के लिए सदैव समर्पित रहने वाले पद्म विभूषण 'बाबूजी' को उनकी जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि!"
मौर्य ने एक्स पर कहा कि सिंह का जीवन उनके सिद्धांतों, निडरता और जनसेवा के प्रति अटूट समर्पण का प्रतीक था।
उन्होंने हिंदी में लिखे पोस्ट में कहा, "'कोई पछतावा नहीं, कोई पश्चाताप नहीं, कोई दुख नहीं, कोई शोक नहीं' का उनका आदर्श वाक्य उनकी गंभीरता और आध्यात्मिक सत्यनिष्ठा का प्रतीक बना रहेगा और हम सभी को राष्ट्रीय पुनरुत्थान और सांस्कृतिक पुनर्जागरण की ओर ले जाएगा।"
पाठक ने पूर्व मुख्यमंत्री को राम मंदिर आंदोलन का "अग्रणी" और सेवा, सुशासन और सामाजिक न्याय का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि सिंह ने अपना जीवन राष्ट्र और भगवान राम को समर्पित कर दिया और वे हमेशा सभी को राष्ट्र और धर्म की सेवा करने के लिए प्रेरित करेंगे।
सिंह का जन्म आज ही के दिन 1932 में उत्तर प्रदेश के अतरौली में हुआ था। वे उस समय मुख्यमंत्री थे जब 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में 'कारसेवकों' ने बाबरी मस्जिद को ध्वस्त किया था। लोधी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले सिंह ने 1990 के दशक में उत्तर प्रदेश में भाजपा के सत्ता में आने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
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