कांग्रेस को आगामी चुनावी चक्र में 11 राज्यसभा सीटें मिलने की संभावना है, क्योंकि पी चिदंबरम और जयराम रमेश सहित कुछ शीर्ष नेताओं की नजर एक और कार्यकाल पर है। इससे कांग्रेस को संसद के ऊपरी सदन में अपनी पार्टी की स्थिति को मौजूदा 29 से 33 सदस्यों तक मजबूत करने में मदद मिलेगी।
गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, मुकुल वासनिक, रणदीप सुरजेवाला, अजय माकन और राजीव शुक्ला सहित कांग्रेस के कुछ अन्य शीर्ष नेता राज्यसभा नामांकन के लिए इंतजार कर रहे हैं। अगले दो महीनों में राज्यसभा में होने वाली 55 रिक्तियों में से कांग्रेस के सात सदस्य - चिदंबरम (महाराष्ट्र), रमेश (कर्नाटक), अंबिका सोनी (पंजाब), विवेक तन्खा (मध्य प्रदेश), प्रदीप टम्टा (उत्तराखंड), कपिल सिब्बल (उत्तर प्रदेश) और छाया वर्मा (छ.ग.) - अपना कार्यकाल पूरा करेंगे।
यदि कांग्रेस राजस्थान में खाली हो रही सभी तीन सीटों को हासिल करने में सफल हो जाती है तो उसे उच्च सदन में तीन से चार सीटें मिलेंगी। पार्टी को छत्तीसगढ़ में दो सीटें मिलेंगी, जहां वह सत्ता में है, उसे तमिलनाडु, झारखंड और महाराष्ट्र में एक-एक सीट मिलेगी, जहां वह अन्य समान विचारधारा वाले दलों के साथ सत्ता साझा करती है।
कांग्रेस को इन राज्यों में अपने विधायकों के बल पर हरियाणा, मध्य प्रदेश और कर्नाटक में भी एक-एक सीट मिलने की संभावना है। सूत्रों ने कहा कि जहां चिदंबरम और रमेश को उम्मीद है कि पार्टी नेतृत्व उन्हें एक और कार्यकाल के लिए मंजूरी देगा, वहीं कई अन्य नेता भी हैं जो कुछ समय से राज्यसभा की सीट का इंतजार कर रहे हैं।
चिदंबरम की नजर तमिलनाडु से राज्यसभा की इकलौती सीट पर है। वह पहले ही तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रमुक नेता एम के स्टालिन से मिल चुके हैं। हालांकि, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की टीम इस सीट के लिए पार्टी के डेटा एनालिटिक्स विभाग के प्रमुख प्रवीण चक्रवर्ती के रूप में एक युवा चेहरे पर जोर दे रही है।
तीन बार के राज्यसभा सदस्य रमेश को चौथा कार्यकाल मिलेगा यदि कर्नाटक में एकमात्र सीट के लिए उनका नाम पारित हो जाता है, जहां से सुरजेवाला भी दावेदार हैं।
हरियाणा में सुरजेवाला, कुमारी शैलजा और कुलदीप बिश्नोई एक सीट के लिए मैदान में हैं, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा आनंद शर्मा के नामांकन पर जोर दे रहे हैं।
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