संरचना के निर्माण के लिए जिम्मेदार ट्रस्ट के अधिकारियों ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण पर अनुमानित 1,800 करोड़ रुपये खर्च होंगे। उत्तर प्रदेश के इस हिंदू पवित्र शहर में मंदिर निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने यहां मैराथन बैठक के बाद इसके नियमों और मैनुअल को मंजूरी दी।
फैजाबाद सर्किट हाउस में हुई बैठक में ट्रस्ट के सदस्यों ने भी सर्वसम्मति से मंदिर परिसर में प्रमुख हिंदू संतों की मूर्तियों के लिए जगह बनाने का निर्णय लिया। विशेषज्ञों द्वारा दायर एक रिपोर्ट के आधार पर ट्रस्ट ने केवल राम मंदिर के निर्माण पर 1,800 करोड़ रुपये खर्च करने का अनुमान लगाया है।
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि बैठक में सभी संबंधितों के लंबे विचार और सुझावों के बाद ट्रस्ट के नियमों और उपनियमों को अंतिम रूप दिया गया। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट ने मंदिर परिसर में प्रमुख हिंदू संतों और रामायण काल के मुख्य पात्रों की मूर्तियों के लिए जगह बनाने का भी फैसला किया है। राय ने कहा कि बैठक में ट्रस्ट के 15 सदस्यों में से 14 ने भाग लिया।
मंदिर का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है और जनवरी 2024 में मकर संक्रांति उत्सव द्वारा भगवान राम के गर्भगृह में विराजमान होने की उम्मीद है।
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