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Writer's pictureRuchika Bhadani

अपने लक्ष्य के प्रति ऐसे जज्बे को सलाम

जब लक्ष्य सामने हो तो दुनिया की कोई और चीज नही दिखती है। अर्जुन ने भी अपने लक्ष्य को भेदने के लिए सिर्फ मछली की आँखें ही देखी थी। आज की ख़बर आज के ज़माने के अर्जुन की है, जिसके अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ता को देख कर आप सभी हैरान रह जाएंगे।


कहानी कुछ इस प्रकार शुरू होती है, जब एक फिल्म निर्माता विनोद कापड़ी देर रात नोएडा की सड़कों पर गाड़ी चला कर कहीं जा रहें थे, और तब ही उन्हें एक 19 साल का लड़का सड़कों पर भागते हुए दिखता है। विनोद को लगता है बच्चा कोई मुसीबत में होगा और विनोद अपनी गाड़ी रोक कर उससे मदद के लिए पूछते हैं, मगर वह लड़का मदद के लिए मना कर देता है।




आगे बात चीत में यह पता चलता है की उस लड़के का नाम प्रदीप मेहरा है और वह 19 वर्ष का है। और प्रदीप नौकरी करके अपने घर वापस जा रहा है, आगे प्रदीप ने बताया की वह मैकडोनल्स में काम करता है, और वह दौड़ कर इसीलिए जा रहा क्योंकि उसे बड़े होकर आर्मी में जाना है और वह अभी से अभ्यास कर रहा है।


आगे उसने ये भी कहा की उसकी मां बीमार है और हॉस्पिटल में भर्ती है तथा उसका भाई नाइट शिफ्ट करता है, अपने भाई के लिए उसे घर जाकर खाना भी बनाना है। विनोद ने उसे डिनर के लिए भी पूछा मगर प्रदीप ने मना कर दिया, कहा मैं यहां खा लूंगा तो मेरे भाई के लिए खाना कौन बनाएगा। विनोद के लाख बोलने के बाद भी प्रदीप ने लिफ्ट नहीं ली। अपने लक्ष्य के प्रति ऐसा जुनून देख कर विनोद उसकी खूब तारीफ करने लगे।

जब विनोद ने प्रदीप का वीडियो बनाया और कहा की मै इसे सोशल मिडिया में डाल दूंगा, तब प्रदीप ने कहा की मुझे कौन पहचानेगा, वैसे भी मैं कोई गलत काम नहीं कर रहा हूं।

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