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'अतिरिक्त टिकट क्यों बेचे जा रहे हैं': NDLS भगदड़ पर दिल्ली हाईकोर्ट ने रेलवे से पूछा

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को रेलवे को प्लेटफॉर्म टिकट की बिक्री और ट्रेन के कोच में यात्रियों की अधिकतम संख्या के मुद्दे तय करने का निर्देश दिया, दोनों ही मुद्दे 15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ को लेकर दायर जनहित याचिका (पीआईएल) में उठाए गए थे।



अदालत ने आदेश दिया, "याचिका में उठाए गए मुद्दों की जांच सॉलिसिटर जनरल के सुझाव के अनुसार रेलवे बोर्ड के उच्चतम स्तर पर की जाए और उसके बाद प्रतिवादी द्वारा हलफनामा दायर किया जाए, जिसमें रेलवे बोर्ड द्वारा लिए जा सकने वाले निर्णयों का विवरण दिया जाए।"

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इसके अलावा, दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि जनहित याचिका हाल की घटना तक ही सीमित नहीं है, और एक डिब्बे में यात्रियों की अधिकतम संख्या और प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री के संबंध में मौजूदा कानूनी प्रावधानों (रेलवे अधिनियम की धारा 57 और 147) को लागू करने की मांग की।


धारा 57 के अनुसार रेलवे प्रशासन को प्रत्येक प्रकार की गाड़ी के प्रत्येक डिब्बे में अधिकतम यात्रियों की संख्या तय करनी होगी, जबकि धारा 147 के अनुसार किसी व्यक्ति के पास वैध आरक्षण न होने पर रेलवे स्टेशनों में प्रवेश के लिए प्लेटफॉर्म टिकट की आवश्यकता होती है।


रेलवे की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि भगदड़ की रात एक 'अभूतपूर्व' स्थिति थी, और उन्होंने अदालत को आश्वासन दिया कि जनहित याचिका में उठाए गए मुद्दों पर 'उच्चतम स्तर पर विचार किया जाएगा।'

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