PM की सुरक्षा में चूक की जांच के लिए SC ने 4 सदस्यीय कमेटी बनाई।
- Saanvi Shekhawat
- Jan 12, 2022
- 2 min read
Updated: Jan 25, 2022
PM की सुरक्षा में चूक की जांच के लिए SC ने 4 सदस्यीय कमेटी बनाई, रिटायर्ड जज इंदु मल्होत्रा करेंगी अगुवाई।
बीती 5 जनवरी को पंजाब दौर पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई बड़ी चूक के मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की बनाई कमेटी करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मामले की सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय की ही रिटायर्ड जज इंदू मल्होत्रा की अगुवाई में चार सदस्यों वाली कमेटी गठित की है। इसकी उम्मीद पहले ही की जा रही थी कि शीर्ष न्यायालय इस मामले की जांच अपने ही किसी रिटायर्ड जस्टिस द्वारा करवा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित पैनल में अध्यक्ष रिटायर्ड जज इंदु मल्होत्रा के अलावा, एनआईए के डायरेक्टर जनरल, डायरेक्टर जनरल ऑफ पंजाब सिक्योरिटी और पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के साथ ही अन्य सदस्य होंगे। पैनल गठित करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह स्वतंत्र समिति सुरक्षा में चूक के कारण, इसके लिए जिम्मेदार व्यक्तियों और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए कदमों के बारे में जानकारी जुटाएगी।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार को फटकार लगी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जब आप तय ही नहीं कर पा रहे हैं कि चूक हुई है या नहीं तो कोर्ट क्यों आए हैं? सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में इस मामले की जांच के लिए वो कमेटी बनाएगी। अदालत ने इस कमेटी में चंडीगढ़ के डीजीपी, आईजी राष्ट्रीय जांच एजेंसी, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल और पंजाब के एडीजीपी को शामिल करने का प्रस्ताव रखा था। कोर्ट ने इस सुनवाई में केंद्र और पंजाब सरकार को अपनी-अपनी जांच रोकने का आदेश भी दिया था।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पीएम विजिट का रिकॉर्ड कब्जे में लेकर सुरक्षित रखने को कहा था। बता दें कि यह मामला 5 जनवरी का है। जब PM मोदी पंजाब में चुनावी रैली को संबोधित करने फिरोजपुर जा रहे थे।
रास्ते में प्रदर्शनकारियों ने जाम लगा दिया, जिससे प्यारेआणा गांव के फ्लाईओवर पर उनके काफिले को 15 से 20 मिनट के लिए रुकना पड़ा, जिसके बाद वह बठिंडा वापस लौट आए। गृहमंत्रालय ने इसे गंभीर चूक बताया था। हालांकि, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इसे सुरक्षा में चूक मानने से इनकार कर दिया था।
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