हमलावरों ने गुरुवार को लीबिया के प्रधानमंत्री अब्दुल हमीद दाबीबा की कार पर फायरिंग की, लेकिन वे हमले में बाल-बाल बच गए। हमला ऐसे समय पर हुआ है जब सरकार के नियंत्रण पर तीव्र गुटीय तकरार जारी है। सरकार से जुड़े एक करीबी सूत्र ने कहा कि फायरिंग उस वक्त हुई जब प्रधानमंत्री अब्दुल हमीद दाबीबा घर लौट रहे थें। सूत्र ने साफ तौर पर इसे हत्या की कोशिश बताया है। लेकिन हमलावर फरार हो गए। घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं।
दाबीबा की हत्या का प्रयास लीबिया के नियंत्रण पर संकट को बढ़ा सकता है। सशस्त्र बलों ने हाल के हफ्तों में राजधानी में अधिक हथियार और सैन्य उपकरण जुटाए हैं, जिससे आशंका है कि राजनीतिक संकट लड़ाई को गति दे सकता है। फरवरी 2011 में पड़ोसी देश ट्यूनीशिया में क्रांति से प्रेरित लीबिया के लोग तानाशाह मुआम्मर गद्दाफी के खिलाफ उठ खड़े हुए, जो 1969 के विद्रोह का नेतृत्व करने के बाद सत्ता में आए थे।
संयुक्त राष्ट्र ने मार्च में नागरिकों को तानाशाही से बचाने के लिए एक सैन्य अभियान को मंजूरी दी थी। नाटो ने लीबिया की तानाशाही ताकतों को कमजोर करते हुए गद्दाफी की सेना पर हमले शुरू किए थे। इसी के बाद से ही लीबिया में शांति और स्थिरता नहीं है। दाबीबा को मार्च में संयुक्त राष्ट्र समर्थित राष्ट्रीय एकता सरकार (जीएनयू) के प्रमुख के रूप में स्थापित किया गया था, जिसका उद्देश्य देश के विभाजित संस्थानों को एकजुट करना और शांति प्रक्रिया के हिस्से के रूप में दिसंबर में होने वाले चुनाव की निगरानी करना था।
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