यूक्रेन-रूस के बीच चल रहे तनाव और रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला किए जाने की आशंका के बीच रूस ने शनिवार से यूक्रेन की सीमा के पास परमाणु बल सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया। राष्ट्रपति पुतिन ने इस अभ्यास की शुरुआत की और बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ मिलकर नियंत्रण केंद्र में बैलिस्टिक मिसाइलों के परीक्षण प्रक्षेपण को भी परखा। रूस के इस सामरिक युद्धाभ्यास से पश्चिमी देशों की चिंताएं बढ़ गई हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का मानना है कि रूस हमले का निर्णय ले चुका है और वो परमाणु हमले के विकल्प पर भी विचार कर रहा है।
तमाम तरह के आरोपों और यूक्रेन की सीमा के पास 1.50 लाख सैनिकों, एयर फील्ड और तोपखानों की तैनाती के बाद भी हमले की योजना से इनकार कर रहे रूस ने शनिवार को परमाणु बल सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया। यूक्रेन की सीमा के नजदीक शुरू किए गए इस अभ्यास में कई मिसाइलों का परीक्षण किया गया और उनकी मारक क्षमता और सटीकता को भी जांचा गया। इस अभ्यास को खुद राष्ट्रपति पुतिन ने व्यक्तिगत रूप से देखा और बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ मिलकर नियंत्रण केंद्र में बैलिस्टिक मिसाइलों के परीक्षण प्रक्षेपण को भी परखा। इस अभ्यास में लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों को भी शामिल किया गया है।
इस परमाणु सैन्य अभ्यास में रूस ने घातक हथियारों को शामिल किया है। परमाणु अभ्यास में हाईटेक हाइपरसोनिक, क्रूज और परमाणु बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया गया है। वहीं इस अभ्यास में रूस के बमवर्षक विमान टीयू-95 और पनडुब्बी, रूस के जेट, हेलीकॉप्टर, टैंक और पैराट्रूपर्स, पैदल सैनिक बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास में शामिल हैं।
रूसी रक्षा मंत्रालय का कहना है कि ये परमाणु अभ्यास उसके पहले से चल रहे युद्धाभ्यासों का हिस्सा है, जिसकी रूस ने पहले घोषणा की थी। इस अभ्यास में दक्षिण और काला सागर में तैनात उसकी वायुसेना, मिसाइल बल और सैन्य इकाईयां भी शामिल हैं। रूसी रक्षा मंत्रालय का कहना है कि इस अभ्यास का उद्देश्य सैन्य तैयारियों, मिसाइलों, परमाणु मिसाइलों की विश्वसनीयता की जांच करना है।
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