जहाँ बॉलीवुड के बड़े-बड़े सेलिब्रिटी ज्यादातर एक्शन फिल्म करने में आगे आते हैं। वही आयुष्मान खुराना ऐसी फिल्में करने में भरोसा रखते हैं जो समाज को एक अच्छा संदेश देती है। केवल फिल्मों में ही नहीं बल्कि असल जिंदगी में भी वे उन कार्यों को करने के लिए आगे आते हैं जिसमें समाज का हित हो।
इसीलिए बहु-प्रतिभाशाली अभिनेता आयुष्मान खुराना को हाल ही वैश्र्विक अभियान ईवीएस (एंडिंग वायलेंस अगेंस्ट चिल्ड्रन) के लिए यूनिसेफ का सेलेब्रिटी एडवोकेट नियुक्त किया गया है। स्कूल में हिंसा की चपेट में आ रहे बच्चों के प्रति शिक्षकों की क्या भूमिका होनी चाहिए इसके बारे में बताया।
बच्चों के जीवन में शिक्षकों की भूमिका के बारे में बात करते हुए कहा कि - " स्कूल और शिक्षकों का बच्चों के जीवन में महत्वपूर्ण और रचनात्मक प्रभाव पड़ता है। क्योंकि वे कई सालों में दिन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा साथ बिताते हैं। हम उस दौर से गुजरे हैं जब शिक्षक हमें जो कुछ भी बताते हैं उसे कभी-कभी हमारे माता-पिता की सलाह से भी अधिक महत्व दिया जाता है। इसलिए, शिक्षकों की यह सुनिश्चित करने की बड़ी जिम्मेदारी है कि स्कूल बच्चों के लिए सुरक्षित और भरोसेमंद क्षेत्र है।"
आयुष्मान ने कहा कि -" इसका मतलब स्कूल के अंदर सभी प्रकार की हिंसा से निपटना और स्कूल को समावेशी बनाना है। शिक्षक बहुत कम उम्र से बच्चों को व्यक्तिगत सुरक्षा के बारे में शिक्षित करने, उन्हें किसी भी असहज अनुभव की रिपोर्ट करने के लिए जानकारी और समर्थन प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इस प्रकार यह सुनिश्चित करते हैं कि स्कूल ऐसे स्थान हो सकते हैं जहां बच्चे सुरक्षित महसूस कर सकतें हैं।"
वैसे तो आयुष्मान खुराना की हर फिल्म कुछ न कुछ हट के रहता है। वे हमेशा अलग किरदार निभाते हुए नजर आते हैं। अब उनकी दो और फ़िल्में 'चंडीगढ़ करे आशिक़ी' और 'डॉक्टर जी' आ रही है। अवश्य ही इन फिल्मों में भी आयुष्मान कुछ न कुछ नया करेगें। बता दें कि उनकी फिल्म 'चंडीगढ़ करे आशिक़ी' 10 दिसम्बर को रिलीज़ होगी।
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