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मुम्बई में महिला हुई दरिंदगी का शिकार, 33 घंटे की लड़ाई के बाद पीड़िता ने तोड़ा दम।

हम महिलाओं की सुरक्षा के लिए कितनी भी गुहार लगालें लेकिन फिर भी महिलाएं हर जगह असुरक्षित हैं जब भी हमें लगता है शायद महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कुछ सुधार हुआ है तभी हमें एक और महिला को दरिंदगी और निर्दयता का शिकार होते पाते हैं। देश में जब भी किसी महिला के साथ दरिंदगी होती है तो वह वारदात हर किसी का दिल दहला देती है।


मुंबई के साकानकी में रात में 8:00 बजे जब एक 30 वर्षीय महिला अपने घर से अपनी बहन के घर जा रही थी तभी उस महिला के साथ इस प्रकार की दरिंदगी की गई। रोड में खड़े ऑटो में उसका रेप करके उसे बुरी तरह से जख्मी किया गया। उस पर चाकू से वार किया और उसके प्राइवेट पार्ट में रॉड डाला गया।


पुलिस अधिकारी के मुताबिक मुंबई पुलिस के मुख्य नियंत्रण कक्ष में शुक्रवार तड़के में 3:30 बजे फोन आया कि मुंबई के साकानकी में खैरानी रोड पर खून से लथपथ एक महिला बेहोश पड़ी हुई है। सूचना मिलते ही पुलिस तुरंत वहां पहुंची और पीड़िता को घाटकोपर के राजबाड़ी अस्पताल में भर्ती कराया गया।


पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी पर आईपीसी की धारा 376 और 307 के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस को शक है कि इसमें और भी आरोपी शामिल हो सकते हैं आरोपी से पूछताछ जारी है।


महिलाओं के प्रति बढ़ते अत्याचार

रेप पीड़ित महिला की हालत बेहद गंभीर थी डॉक्टर ने उनका ऑपरेशन किया था। लेकिन जिंदगी और मौत के 33 घंटे की लड़ाई लड़ने के बाद पीड़िता ने दम तोड़ दिया।

सवाल यह है कि क्या दरिंदे को हैदराबाद केस की तरह सजा मिल पायेगी या दिल्ली निर्भया केस की तरह सालों लग जायेंगे फैसला सुनाने में?


क्या देश की कानून व्यवस्था इतनी नाजुक है कि दरिंदे बेख़ौफ़ घूम रहे हैं। उन्हें कानून का कोई भय नही है। क्या सरकार के पास कोई ऐसी योजना नही जो देश की बेटियों को सुरक्षित रख सके?

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