प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश की सुरक्षा को चुनौती देने वाले हर आतंकी संगठन को 'करारा जवाब' देने का वादा किया। प्रधानमंत्री ने संविधान दिवस पर सुप्रीम कोर्ट में अपने संबोधन के दौरान कहा, "हम यह नहीं भूल सकते कि आज मुंबई में हुए आतंकी हमले की बरसी भी है। जिन लोगों ने अपनी जान गंवाई, मैं उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं। मैं देश के संकल्प को भी दोहराना चाहता हूं - भारत की सुरक्षा को चुनौती देने वाले सभी आतंकी संगठनों को करारा जवाब मिलेगा।" 2008 में आज ही के दिन पाकिस्तान से लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादी समुद्र के रास्ते मुंबई में घुसे और ताज महल पैलेस होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल, सीएसटी रेलवे स्टेशन और नरीमन हाउस समेत कई हाई-प्रोफाइल जगहों पर समन्वित हमले किए। भारतीय धरती पर हुए सबसे बड़े आतंकी हमले में 166 लोगों की जान चली गई और 300 से ज़्यादा लोग घायल हो गए।
अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने 1975 में घोषित आपातकाल का जिक्र किया। “हमने देश में आपातकाल देखा है - हमारे संविधान ने लोकतंत्र के सामने आई इस चुनौती का सामना किया है। यह संविधान की ताकत है कि आज जम्मू-कश्मीर में बाबा साहब अंबेडकर का संविधान पूरी तरह लागू है। आज पहली बार वहां (जम्मू-कश्मीर में) संविधान दिवस मनाया जा रहा है,” उन्होंने कहा।
पीएम मोदी ने कहा, "आज यह आसान लगता है कि लोगों के पास नल का पानी है, लेकिन आजादी के 75 साल बाद भी केवल 3 करोड़ घरों में यह सुविधा थी... संविधान की मूल प्रति में भगवान राम, माता सीता... की तस्वीरें हैं।" उन्होंने कहा, "भारतीय संस्कृति के प्रतीक चित्र इसलिए हैं ताकि वे हमें मानवीय मूल्यों की याद दिला सकें। ये मानवीय मूल्य आज के भारत की नीतियों और निर्णयों की नींव हैं।" उन्होंने कहा, "'राष्ट्र प्रथम' की भावना संविधान को कई शताब्दियों तक जीवित रखेगी।"
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