एक पिता के लिए अपने बेटे को खोने से ज्यादा बड़ा दर्द और क्या हो सकता है। नवीन के पिता को भी यह दर्द झेलना पड़ रहा है, जैसा कि आप सब जानते हैं नवीन की मौत रूस और यूक्रेन के बीच हुई गोलाबारी में हुई थी किराने की दुकान के बाहर लाइन में खड़ा नवीन खाने का इंतजार कर रहा था किसे पता था की मौत ही उसे उठाकर ले जाएगी।
21 वर्षीय नवीन मेडिकल का छात्र था तथा वह हॉस्टल की बजाए अलग से फ्लैट में रहा करता था, नवीन बाहर खाना लेने के लिए गया था जब उसकी मौत हुई।
आए दिन यूक्रेन की हालत खराब होती जा रही है तथा भारत सरकार ने सभी भारतीय छात्रों को वहां से जल्द से जल्द निकालने का आदेश दिया है। नवीन के पिता का यह कहना है कि जब नवीन के पिता ने नवीन को कॉल किया तब वह खाने की कतार में खड़ा था और नवीन अपने पिता से कहा कि मैं खा कर कॉल करता हूं मगर कोई भी संपर्क ना होने पर नवीन के पिता काफी चिंतित हो गए उन्होंने बहुत बार फोन लगाकर संपर्क करने की कोशिश की मगर सारे प्रयास असफल रहे। दोपहर 2:00 बजे नवीन के पिता को एक कॉल आया जो कि विदेश मंत्री का था, विदेशमंत्री द्वारा नवीन के पिता को नवीन की मौत की खबर पता चली। नवीन की मौत की खबर सुनकर मानो पिता के पैरों तले जमीन खिसक गई। किसी अपने को खोने का दुख शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।
नवीन के पिता ने यह बताया कि उन्हें 4:30 बजे के आसपास प्रधानमंत्री मोदी जी का फोन आया था उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया कि नवीन के पार्थिव शरीर को जल्द से जल्द भारत वापस लाया जाए, जिसमे प्रधानमंत्री मोदी ने नवीन के शरीर को दो दिन के अंदर लाने का वादा किया।
आप सभी को बता दें कि भारत सरकार यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को जल्द से जल्द भारत वापस लाने का वादा जता रही है तथा बहुत से भारतीय को अपने वतन वापस भी लाया जा चुका है।
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