स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि बढ़ते तापमान और जलवायु परिवर्तन से जुड़ी बेमौसम बारिश से देश में डेंगू के मामले बढ़ सकते हैं और इससे मौतें भी हो सकती हैं। उन्होंने इस उछाल के लिए मच्छरों के जीवित रहने, प्रजनन और काटने की दर में वृद्धि के लिए वेक्टर जनित बीमारी को कारण बताया है।
दरअसल, पिछले साल सितंबर में कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक हुए थी। जिसमें 11 प्रभावित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। तब सरकार ने सीरोटाइप- II डेंगू की उभरती चुनौती को हरी झंडी दिखाई थी। सीरोटाइप - II डेंगू के मामलों की रिपोर्ट करने वाले राज्यों में आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, केरल, एमपी, यूपी, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु और तेलंगाना शामिल हैं।
पांच साल के भीतर वेक्टर जनित बीमारी के लिए एक सुरक्षित, किफायती और प्रभावी उपचार विकसित करने के लिए, जैव प्रौद्योगिकी विभाग के ट्रांजिशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट ने डीएनडीआई ड्रग्स फॉर नेगलेक्टेड डिजीज पहल के साथ हाथ मिलाया। इंडिया फाउंडेशन उपेक्षित मरीजों के लिए नए उपचार विकसित करने में जुटा है।
साझेदारी के अनुसार, संभावित डेंगू उपचारों का प्रीक्लिनिकल अध्ययन किया जाएगा, इसके अलावा कई पुनर्निर्मित दवा उम्मीदवारों की प्रभावकारिता का परीक्षण किया जाएगा और एक किफायती और सुलभ उपचार समाधान प्रदान करने के लिए सबसे आशाजनक यौगिकों के परीक्षणों को लागू किया जाएगा।
देश भर में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के 400 स्टेशनों से उपलब्ध आंकड़ों के विश्लेषण से संकेत मिलता है कि पिछले 50 वर्षों में गर्म दिनों की संख्या कई गुना बढ़ गई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि निकट भविष्य में गर्मी की लहरों की घटनाओं में आठ गुना वृद्धि होने का अनुमान है और 2071-2100 में यह खतरनाक रूप से 30 गुना तक बढ़ जाएगी।
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