पीएम मोदी ने शुक्रवार को हाई लेवल की मीटिंग रखी, जिसमे उन्होंने देश में कोरोना और वैक्सीनेशन को लेकर बातचीत की। पीएम मोदी ने कोरोना की तीसरी लहर को लेकर राज्यसरकार को अपनी जरुरी व्यवस्था को बढ़ाने के आदेश दिए।
मीटिंग में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सेक्रेटरी, मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार, स्वास्थ्य सचिव, नीति आयोग के मेंबर और कई महत्वपूर्ण अफसर मौजूद थे। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान राज्यों की व्यवस्था में कई प्रकार की कमियां हुई थी। दूसरी लहर के दौरान लोगों को ऑक्सीजन समय पर उपलब्ध ना हो पाना और एंबुलेंस की कमी और अस्पतालों में बेड की कमी, लोंगो को इन सारी कमियों का सामना करना पड़ा था। इन सभी कमियों के कारण हालात इतने बिगड़ गए कि विदेशों से ओक्सिजन का आयात करना पड़ा ।
इसीलिए पीएम मोदी ने कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को देखकर देशभर में ऑक्सीजन सप्लाई को तेजी से बढ़ाने और राज्यों में दवाइयों के बफर स्टॉक रखने का निर्देश दिया। पीएम ने तीसरी लहर का असर बच्चों में होने की आशंका जताते हुए अस्पतालों में बच्चों के लिए पर्याप्त बेड उपलब्ध कराने के आदेश दिए। इसके अलावा उन्होंने राज्य में स्वास्थ्य संबंधी सभी सुविधाओं का बुनियादी ढांचा पुनः तैयार करने को कहा और ब्लैक फंगस के इलाज की दवाइयों पर काम करने को कहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि "ऑक्सीजन सप्लाई बढ़ाने के लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स, ऑक्सीजन सिलेंडर की संख्या तेजी से बढ़ाई जाए अभी देश भर में 961 लिक्विड मेडिकल स्टोरेज टैंक और 1450 मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम लगाए जा रहे हैं। हर जिले में कम से कम ऑक्सीजन की एक यूनिट लगाने का टारगेट रखा गया है।"
पीएम मोदी ने एंबुलेंस की व्यवस्था के बारे में बात करते हुए कहा कि एंबुलेंस नेटवर्क का विस्तार किया जा रहा है ताकि हर ब्लॉक में कम से कम एक एंबुलेंस उपलब्ध हो सके। और देश में टीकाकरण में तेजी लाने को कहा, ताकि कोरोना की तीसरी लहर से लड़ा जा सके। उन्होंने देश भर में हुए टीकाकरण को लेकर ख़ुशी जताई कि देश में 100 में से 58 प्रतिशत वयस्कों को टीके का पहला डोज़ लगाया जा चुका है, और 18 प्रतिशत को दूसरा डोज़ भी।
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