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Writer's pictureAnurag Singh

एनएसई को-लोकेशन घोटाला मामले में आनंद सुब्रमण्यन की जमानत अर्जी खारिज।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के पूर्व समूह परिचालन अधिकारी आनंद सुब्रमण्यन को अदालत ने को-लोकेशन मामले में जमानत देने से गुरुवार को इनकार कर दिया। राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल की अदालत ने सुब्रमण्यन की तरफ से दायर की गई जमानत याचिका पर सीबीआई एवं याचिकाकर्ता का पक्ष सुनने के बाद याचिका खारिज करने का आदेश पारित किया।


एनएसई के पूर्व अधिकारी आनंद सुब्रमण्यन को सीबीआई ने को-लोकेशन मामले में 24 फरवरी को गिरफ्तार किया था। हिरासत में पूछताछ किए जाने के बाद आरोपी सुब्रमण्यन को नौ मार्च को अदालत ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील ने कहा कि खुद को हिमालय के योगी के रुप में पेश करने वाले आनंद सुब्रमण्यन ने एनएसई की तत्कालीन प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी चित्रा रामकृष्ण को अपने प्रभाव में ले लिया था। वकील ने कहा कि पूछताछ के दौरान सुब्रमण्यन बचने की कोशिश करते रहे और अगर उन्हें जमानत दी जाती है तो वह भागने की कोशिश कर सकते हैं।



वहीं सुब्रमण्यन के वकील ने अपने मुवक्किल को जमानत दिए जाने का अनुरोध करते हुए कहा कि प्राथमिकी में सुब्रमण्यन का नाम नहीं था और एनएसई की को-लोकेशन सुविधा में भी उनकी कोई भूमिका नहीं थी। इसके साथ ही उन्होंने सुब्रमण्यन के हिमालय का योगी होने के दावे को भी नकारा। एनएसई की तरफ से दी जाने वाली को-लोकेशन सुविधा के तहत ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज परिसर के भीतर अपने सर्वर रख सकते हैं ताकि उन्हें बाजार में होने वाले लेनदेन तक त्वरित पहुंच मिल पाए। सीबीआई का कहना है कि कुछ ब्रोकरों ने एनएसई के कुछ भीतरी लोगों के साथ मिलकर को-लोकेशन प्रणाली का दुरुपयोग किया और इस तरह अप्रत्याशित लाभ अर्जित किए। सीबीआई इस मामले में चित्रा रामकृष्ण को भी गिरफ्तार कर चुकी है।


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