एनएसई का आईपीओ फिर चर्चा में: सेबी ने तेज़ किए सुधारात्मक कदम
- Asliyat team
- 1 day ago
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भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने घोषणा की कि वह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के लंबे समय से रुके हुए आईपीओ (Initial Public Offering) को लेकर आवश्यक मुद्दों को सुलझाने के लिए सक्रिय प्रयास कर रहा है। एनएसई ने 2016 में पहली बार अपनी सूचीबद्धता के लिए आवेदन दिया था, लेकिन इसके बाद विभिन्न नियामक और कानूनी विवादों के कारण यह प्रक्रिया अटक गई थी। सेबी के अध्यक्ष ने हालिया सार्वजनिक बयान में कहा कि “हमें देश के सबसे बड़े एक्सचेंज के आईपीओ को लेकर व्यापक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करनी है।”
एनएसई को 2019 में को-लोकेशन घोटाले में संलिप्तता के आरोपों के चलते 1,100 करोड़ रुपये का भारी जुर्माना भुगतना पड़ा था। आरोप यह थे कि कुछ ब्रोकरेज फर्मों को अनुचित तरजीह देते हुए एक्सचेंज के ट्रेडिंग सर्वरों तक जल्दी पहुंच प्रदान की गई थी। इस विवाद ने एनएसई की साख को झटका दिया और आईपीओ की संभावनाओं को लगभग रोक दिया। हाल ही में एक अन्य मामले में, एनएसई ने एल्गोरिदमिक ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर से जुड़ी अनियमितताओं को स्वीकार करते हुए 643 करोड़ रुपये का जुर्माना चुकाया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि संस्था अब आगे बढ़ने और नियामक विश्वास बहाल करने को लेकर गंभीर है।
इन भुगतान और सुधारात्मक कदमों को बाजार विशेषज्ञ एनएसई के लिए “आईपीओ के मार्ग की सफाई” के तौर पर देख रहे हैं। एनएसई के आईपीओ को लेकर निवेशकों के बीच वर्षों से उत्सुकता बनी हुई है, क्योंकि यह आईपीओ न केवल एक उच्च-वैल्यू फाइनेंशियल इवेंट है, बल्कि इससे पूरे भारतीय पूंजी बाजार की छवि और पारदर्शिता पर भी असर पड़ेगा। बाजार विश्लेषकों का मानना है कि यदि सेबी और एनएसई पारदर्शिता, जवाबदेही और निवेशक संरक्षण की नीति को स्पष्ट रूप से सामने रखते हैं, तो यह आईपीओ 2025 के सबसे बड़े सार्वजनिक निर्गमों में से एक बन सकता है।
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