उत्तर प्रदेश चुनाव 2022 के दौरान डीएम के घर के बाहर लगा बोर्ड का रंग भगवा से हरा करने की बात अब बहुत ज्यादा बढ़ गई है बात यहां तक बढ़ गई है कि जिसने बोर्ड का रंग बदला है उस पर कार्यवाही की जा रही है। इस मामले में अब लोक निर्माण विभाग के एक कनिष्ठ अभियंता को निलंबित कर दिया गया है।
रंग बदलने में कौन सी इतनी बड़ी समस्या है?
आपके दिमाग में भी यह बात चल रही होगी कि रंग बदलने में कौन सी इतनी बड़ी समस्या है, तो इस बारे में आप सभी को बता दें कि बोर्ड का रंग बदलने को चुनावी मामलों से जोड़ कर देखा जा रहा है तथा भगवा रंग से हरे रंग में बदलने का मतलब उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार से समाजवादी सरकार बनने वाली है, ऐसा अर्थ निकाला जा रहा है। जहां बीजेपी के चुनाव चिन्ह में भगवा रंग इस्तेमाल होता है वहीं समाजवादी पार्टी सरकार के चुनाव चिन्ह में हरे रंग का प्रयोग किया जाता है, इस वजह से विवाद हो रहें हैं।
डीएम के घर के बाहर भगवा रंग जब बीजेपी की सरकार उत्तर प्रदेश में बनी थी तथा जब योगी आदित्यनाथ सत्ता पर आए थे तब किया गया था। यूपी के जिलाधिकारी ने इस बात पर कार्यवाही करते हुए कुछ इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया है तथा हरे रंग के बोर्ड को वापस से भगवा रंग कर दिया गया है।
यह घटना यूपी चुनाव के दौरान छठे चरण की वोटिंग के दिन की है जब डीएम के निवास के बाहर लगे बोर्ड को भगवा रंग से बदलकर हरा रंग कर दिया गया था। हालांकि अब इस मामले में जिलाधिकारी ने जूनियर इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया है तथा वापस बोर्ड पर भगवा रंग चढ़ा दिया है।
जैसे यह बात मीडिया को पता चली इस बारे में हल्ला हंगामा हो गया। सभी लोग इसे चुनाव से जोड़कर देखने लगे तथा बातें करने लगे की यूपी चुनाव में इस बार समाजवादी पार्टी की ही जीत होगी। उत्तर प्रदेश में चुनाव 10 फरवरी से लेकर 10 मार्च तक चलने वाला है।
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