सीरियल अनुपमा में अनुपमा की परेशानियां रुकने का नाम नहीं ले रही वो कुछ भी अपने मन का काम करें तो उसमें बा और वनराज को हमेशा गलत ही दिखाई देता है। अनुपमा से बेमतलब सवाल किए जाते हैं और शक किया जाता है। हर बार अनुपमा उनके सवालों का सामना कर वही जवाब देती रहती है कि वह सिर्फ अपना काम करती है और उसके और अनुज के बीच कुछ नहीं है लेकिन दोनों यह बात मानने के लिए तैयार ही नहीं है।
ऐसे ही एक बार फिर अनुज ने के साथ बिजनेस ट्रिप पर जाने के कारण अनुपमा को बा और वनराज की घटिया सोच का सामना करना पड़ा, यहां तक कि उसके बेटे तोशू ने भी उस पर विश्वास नहीं किया।
लेकिन अनुपमा ने भी शेरनी की तरह बा और बनराज को खूब सुनाया और बताया कि दोनों की सोच कितनी गिरी हुई है। लेकिन दुःख इस बात पर था कि उसका बेटा भी ऐसी सोच रख सकता है।
वही अनुपमा ने घर छोड़ने का फैसला भी ले लिया और इस फैसले में उसके पिता समान ससुर ने उसका पूरी तरह साथ भी दिया और जो अनुपमा पर भद्दे इल्जाम लगा रहे थे उनको गिरा हुआ बताकर उनकी औकात दिखा दी और कहा - "गिरे हुए लोगों के बीच देवियाँ नहीं रहती हैं इसलिए मैं तुम्हें नहीं रोकूँगा, तुम्हें जाने के लिए कहूँगा"। जिसके बाद अनुपमा अपने बेटे समर के साथ घर छोड़ कर आ जाती है।
अनुपमा के घर छोड़ने के बाद बा और बनराज परेशान दिखाई पड़ते हैं। क्योंकि अनुपमा के इस फैसले से उनके मुह पे थप्पड़ जो लगा है। लेकिन काव्या को काफी खुशी मिलती है। अब घर छोड़ने के बाद अनुपमा कहाँ जायेगी तो बता दे की वह समर के साथ अपनी माँ के घर रहने लगेगी। दूसरी तरफ पाखी भी वनराज से खूब नाराज होकर उसे और काव्या को फटकार लगाएगी और घर में जो भी परिस्थिति है उसका जिम्मेदार बनराज को ठहराएगी।
अब बा, वनराज और काव्या ये सब सुधरने वाले नहीं इसीलिए अनुपमा को भी इन सबको पीछे छोड़ अपनी जिंदगी की नई शुरुआत करनी पड़ेगी।
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